अक्सर यह सुनने को मिलता है है की उपाय काम नहीं करते या बहुत से उपाय किये किन्तु कोई परिणाम या परिवर्तन नहीं हुआ और परेशानी यथावत है ,बहुत से लोग इसलिए यह भी कहते मिलते है की भाग्य में लिखा कोई नहीं बदल सकता है ,कोई कितने भी उपाय करे ,,,,,तो क्यों नहीं काम करते है ये ज्योतिषीय उपाय ,ऐसा तो हो ही नहीं सकता की जब किसी समस्या या ग्रह दशा के लिए कोई उपाय ऋषियों -गुरुओ ने बनाया है तो उसमे कोई कारण नहीं होगा ,,,जब ग्रह समस्या उत्पन्न करते है तो उनके प्रभाव को कम करने का उपाय भी प्रकृति में उपलब्ध जरूर होगा ,समस्या और निदान दोनों प्रकृति में हमेशा ही रहते है ,यह प्रकृति के संतुलन के लिए भी तो आवश्यक है ,,इसी की खोज करके ऋषियों ने यह उपाय बताए है ,,तब यह क्यों कहा जाता है की उपाय काम नहीं कर रहे ,कमी कहा है ,उपाय करने वाले में या बताने वाले में या खोज और परिकल्पना करने वाले में ,
उपाय कई तरह के होते है ,,रत्न धारण करना ,दान करना ,वस्तु प्रवाहित करना ,मंत्र जप -पूजा -अनुष्ठान ,रंगों -वस्त्रों का उपयोग -अनुपयोग,वनस्पतियों को धारण करना ,विशिष्ट पदार्थो का हवन आदि मुख्य रूप से उपायों के रूप में बताए जाते है ,,इनके रत्नों का प्रभाव असंदिग्ध है ,रत्न वातावरण से सम्बंधित ग्रह कए रंग और प्रकाश किरणों को अवशोषित या परावर्तित करते है ,ये त्वचा के संपर्क में रहकर सम्बंधित विशिष्ट उर्जा को शरीर में प्रवेश देते है ,जिससे सम्बंधित ग्रह की रश्मियों का प्रभाव शरीर में बढ़ जाता है और तदनुरूप रासायनिक परिवर्तन शरीर में होने से व्यक्ति के सोचने और कार्य करने की दिशा के साथ ही क्षमता भी बदल जाती है ,जिससे वह सम्बंधित क्षेत्र में अग्रसर हो सफल हो पाता है ,,अब यहाँ यह भी होता है की रत्न जो उपयोग में लिया जा रहा है वह ही नकली हो ,या उसकी बनावट में खराबी हो ,टुटा या दाग धब्बे युक्त हो ,या गलत स्थान पर गलत धातु के साथ पहन लिया गया हो ,तो वह काम नहीं करेगा या नुक्सान भी कर सकता है ,
दूसरा मुख्य उपाय दान करना बताया जाता है ,,दान एक पूर्ण भावनात्मक उपाय है ,दान करने या वस्तु प्रवाहित करने में सामान्यतया यह किया जाता है की बताई गयी वस्तु उठाई और जो भी अपनी समझ से जरूरतमंद दिखा या जाती विशेष का व्यक्ति दिखा दान दे दिया ,यह तो दान है ही नहीं ,अब परिणाम कैसे मिलेगा ,दान करने से पूर्व मन में भावना होनी चाहिए की में यह वस्तु दान में दे रहा हूँ तो इससे उस जरूरतमंद व्यक्ति जिसे यह दान दिया जा रहा है की जरूरते पूरी होगी और वह आशीर्वाद देगा ,,आप केवल वस्तु का चयन कर सकते है अपने अनुसार देते समय ,भावना भी उससे जुडी हो ,इसमें सबसे मुख्या है सुपात्र का चयन जिसे आप दान दे रहे है ,दान लेनेवाला यदि आपके दान से प्राप्त वस्तु से शराब पिता है ,मांसाहार करता है ,उसका गलत उपयोग करता है तो आप उसके पाप में भागीदार हो जाते है और आपके दान का उपाय आपका ही नुक्सान कर सकता है ,,दान लेने वाला व्यक्ति यदि कुकर्मी है ,गलत है मद्य ,मांसाहारी है ,पापी है तो तो उसके मष्तिष्क से उत्पन्न तरंगे भी नकारात्मक उर्जा वाली होगी और उसका दिया आशीर्वाद आपके भाग्य में सकारात्मक उर्जा का संचार नहीं कर सकता ,,,इसी प्रकार जब आप वस्तु का दान देते है तो वस्तु से सम्बंधित ग्रह रश्मियों की अधिकता आपके शरीर से वास्तु में आपकी भावना कए साथ प्रवेश करती है और दान देने पर आपके शरीर से दूर होती है जिससे उस ग्रह का प्रभाव कम होता है ,,.
सबसे महत्वपूर्ण उपाय ग्रहों के लिए देवी-देवता या ग्रह का मंत्र जप बताया जाता है ,,जब व्यक्ति मंत्रजाप करता है तब मंत्र कए ध्वनि नादों से उर्जा उत्पन्न होती है जो वातावरण की सम्बंधित क्षेत्र की उर्जा से संपर्क करने कए साथ ही शरीर में स्थित उस मंत्र से सम्बंधित विशिष्ट चक्र को प्रभावित करती है ,मंत्र जप कए समय व्यक्ति की एकाग्रता ,तल्लीनता ,भावना से मानसिक तरंगे तीब्रता से निकलती है और प्रकृति में उपस्थित उसी
प्रकार की तरंगों को आकर्षित करती है जिससे उर्जा की मात्रा व्यक्ति कए शरीर और आसपास कए वातावरण में बढ़ जाती है और ग्रह का प्रभाव काम हो जाता है या अधिक हो जाता है या संतुलित हो जाता है ,[यह मंत्र की प्रकृति पर निर्भर होता है ],अब मंत्र जप के समय यदि यंत्रवत सपाट स्वरों में जप हो ,और मन इधर-उधर भागता रहे ,मष्तिष्क एकाग्र न हो ,इष्ट या मंत्र कए आराध्य में विश्वास न हो ,भावना इष्ट या लक्ष्य से न जुडी हो ,संदेह हो की पता नहीं काम होगा या नहीं ,तो मंत्र जप से कोई उर्जा प्राप्त नहीं होगी ,आपके मश्त्श्क से कोई उर्जा उत्पन्न नहीं होगी और प्रकृति से कोई उर्जा आकर्षित नहीं होगी ,फलतः मंत्र जप का उपाय काम नहीं कर पायेगा ,,,उपायों कए काम नहीं करने कए मूल में यही कारण ,भावना ,सही चयन आदि है ,,व्यक्ति की भावना ,विश्वास ,श्रद्धा ,सही दिशा ,समय ,सही वस्तु का चयन ,सही पात्र का चयन उपायों में मुख्या होते है ,यह सही हो तो उपाय काम करते ही करते है।
Posted Comments |
" जीवन में उतारने वाली जानकारी देने के लिए धन्यवाद । कई लोग तो इस संबंध में कुछ जानते ही नहीं है । ऐसे लोगों के लिए यह अत्यन्त शिक्षा प्रद जानकारी है ।" |
Posted By: संतोष ठाकुर |
"om namh shivay..." |
Posted By: krishna |
"guruji mein shri balaji ki pooja karta hun krishna muje pyare lagte lekin fir mein kahi se ya mandir mein jata hun to lagta hai har bhagwan ko importance do aur ap muje mandir aur gar ki poja bidi bataye aur nakartmak vichar god ke parti na aaye" |
Posted By: vikaskrishnadas |
"वास्तु टिप्स बताएँ ? " |
Posted By: VAKEEL TAMRE |
""jai maa laxmiji"" |
Posted By: Tribhuwan Agrasen |
"यह बात बिल्कुल सत्य है कि जब तक हम अपने मन को निर्मल एवँ पबित्र नही करते तब तक कोई भी उपदेश ब्यर्थ है" |
Posted By: ओम प्रकाश तिवारी |
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