महर्षि अगस्त ने क्यों पी लिया समुन्द्र का पूरा जल
अगस्त मुनि द्वारा सागर का सम्पूर्ण जल पीने की कथा
महाभारत के सभापर्व में एक प्रसंग आया है जिसमे बताया गया है कि एक बार लोक कल्याणार्थ महर्षि अगस्त ने समुन्द्र का पूरा जल पीकर देवताओ को दैत्यों पर विजय दिलवाई थी |
अगस्त मुनि का समुन्द्र का पान कथा
एक बार इंद्र सहित सभी देवता अगस्त मुनि के आश्रम पहुंचे और उनसे कालेह और उसके साथियों का समुन्द्र में छिपने की बात बताई | वे सभी देवता चाहते थे कि ऋषि अगस्त समुन्द्र का पान कर जाये जिससे की कालेह और उसके साथी दिखाई देने लगे और देवता उन सभी का वध कर सके |
देवताओ के अनुग्रह पर ऋषि अगस्त ने समुन्द्र का सम्पूर्ण जल पी लिया | यह दर्शय बड़ा विस्मय वाला था | देवताओ ने ऋषि की महिमा में जयजयकार करके दसो दिशाओ को गुंजायमान कर दिया | संभवत आज तक किसी देवता या किसी ऋषि ने इतना बड़ा कार्य नही किया था |
august muni
जैसे ही समुन्द्र सूखने लगा , छिपे हुए दैत्य दिखाई देने लगे | देवताओ ने अपने शक्तिशाली अस्त्र शस्त्रों से उन सभी का संहार कर दिया | देवताओ ने फिर महर्षि अगस्त से समुन्द्र को फिर से भरने की विनती करने लगे |
महर्षि अगस्त ने उन्हें बताया कि वे सम्पूर्ण जल को पचा चुके है और अब फिर से समुन्द्र को उनके द्वारा भरा नही जा सकता |
इसके लिए भागीरथ तप करके जब गंगा को धरती पर अवतरित करेगा , तब ही समुन्द्र का जल भर सकेगा |