Karveer Vrat in the Year 2021 will be observed on Friday, 11th June 2021
हिन्दू धर्म के ज्येष्ठ मास की शुक्ल प्रतिपदा को करवीर व्रत का पालन किया जाता है। इस व्रत में सूर्य देव की आराधना का विधान है। पवित्र स्थान में जाकर कनेर वृक्ष का पूजन करें व् व्रत संकल्प लेकर, व्रत का पालन करें, तो संकट से छुटकारा मिलता है। यह व्रत स्त्रियों को तत्काल फल देने वाला है पुराने समय में सावित्री, सत्यभामा और दमयंती आदि सती स्त्रियों ने इस व्रत का नियमानुसार पालन किया था।
हिन्दू धर्म में सूर्य पंच देवों में से एक है। वह साक्षात देव माने जाते हैं। जिनकी अपार शक्ति, गति और ऊर्जा से संसार का हर प्राणी और वनस्पति जीवन शक्ति पाते हैं। सूर्य देव काल के निर्धारक भी है। धार्मिक मान्यताओं में भी सूर्य देव को समस्त इच्छाओं और कामनाओं को पूरा करने वाला बताया गया है।
Karveer Vrat Pooja Vidhi :
इस दिन सुबह स्नान करके किसी देवस्थान पर कनेर के पेड़ की पूजा की जाती है। कनेर के पौधे को पूरी तरह से जल से सिंचा जाता है। उस पर लाल कपड़ा चढ़ाया जाता है। इसके बाद गंध, फूल, धूप, दीप, प्रसाद, भोग सहित यथाशक्ति पूजा की जाती है। इसके साथ ही भगवान सूर्य की भी यथोपचार पूजा, आराधना की जाती है। एक वस्त्र पर सात तरह के अन्न और केले, नारंगी जैसे फल रखकर यह पौराणिक मंत्र बोलकर सभी पदार्थ किसी योग्य ब्राह्मण को दान कर दें -
करवीर विषावास नमस्ते भानुवल्लभ। मौलिमण्डन दुर्गादिदेवानां सततं प्रिय।।
पूरे दिन यथाशक्ति उपवास या एक समय आहार लेकर व्रत रखें। इस दिन पवित्र आचरण करें। आहार-विहार, वचन और कर्मों की अपवित्रता से दूर रहें।
धार्मिक दृष्टि से ऐसे व्रत के पालन से व्रती को घोर संकट और आपदा से मुक्ति मिलती है। साथ ही मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं।