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Sawan Shivaratri~सावन शिवरात्रि

सावन का महीना जिसे श्रावण मास कहा जाता है हिंदू धर्म में खास महत्व रखता है. श्रावण मास में पड़ने वाले चार सोमवार और सावन शिवरात्रि दोनों ही शिवभक्तों के लिए महत्वपूर्ण हैं. माना जाता है कि सावन के सोमवार के व्रत और शिवरात्रि की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है. 

हर महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मास शिवरात्रि होती है, सावन और फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को पड़ने वाली शिवरात्रि खास होती हैं. फाल्गुन में पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के रूप में पूजा जाता है. माना जाता है कि इसी दिन शिव पार्वती का विवाह हुआ था, जोकि सोमवार का दिन था. 

क्यों है सोमवार का खास महत्व - 

सावन के सोमवार भी अपने आप में खास होते हैं. असल में सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है. सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने का खासा महत्व रहता है. सोमवार के दिन लोग व्रत भी रखते हैं, जिसे सोमश्वर कहा जाता है. सोमेश्वर के दो अर्थ होते हैं, पहला अर्थ चंद्रमा और दूसरा अर्थ देव. यानी जिसे सोमदेव भी अपना देव मानते हैं यानी शिव. 

शिवपुराण के मुताबिक हर सोमवार भगवान शिव की पूजा करने से काफी कष्टों से निजात पाई जा सकती है. माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति पर शिवजी प्रसन्न हो जाएं तो इससे उसकी कुंडली से सभी प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही गरीबी से भी छुटकारा मिल जाता है. सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करते वक्त इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.

श्रावण महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहा जाता है. माना जाता है कि इस शिवरात्रि के मौके पर शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. माना जाता है कि इस दिन शिवशंभू को जल चढ़ाने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं.

कैसे करें शिवरात्रि पर भगवान शिव का अभिषेक - शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें और नहाधोकर खुद को स्वच्छ करें. मंदिर में जाते समय जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग सभी को मिलकार एक बर्तन में साथ ले जाएं और शिवलिंग का अभिषेक करें.

भगवान शिव को भोग में क्या दें -

हम सभी जानते हैं कि शिव को भोले भी कहा जाता है. इसकी वजह है भी मानी जाती है कि वे अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और जो भी भक्त चढ़ाते हैं प्रसन्नता से ग्रहण करते हैं. फिर भी शिव को भोग में कुछ चीजें चढ़ाने की मान्यता है. चलिए जानते हैं उनके बारे में -

- शिव को गेंहूं से बनी चीजें अर्पित करने से आप उन्हें जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं, ऐसी मान्यता है.

- माना जाता है कि एश्वर्य पाने के लिए शिव को मूंग का भोग लगाया जाना चाहिए.

- कहते हैं कि मनचाहा जीवन साथी पाने के लिए शिव को चने की दाल का भोग लगाया जाना चाहिए. 

- शिव को तिल चढ़ाने की भी मान्यता है. माना जाता है कि शिव को तिल चढ़ाने से पापों का नाश होता है.

हिन्दू धर्म में सावन के सोमवार व्रत का अत्यंत महत्व है. इस दिन भगवान शिव को विधि विधान से पूजा कर प्रसन्न करने का शुभ असवर होता है. इस दिन व्रत रहने से संतान सुख, धन, निरोगी काया और मनोवांछित जीवन साथी प्राप्त होता है, साथ ही दाम्पत्य जीवन के दोष और अकाल मृत्यु जैसे संकट दूर हो जाते हैं.

सावन में सोमवार एवं मंगलवार का महत्व -

सावन में सोमवारों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिन्हे बहुत ही शुभ भी माना जाता है. इस दिन भगवान् शिव के सोमवार के व्रत रखे जाते है. सावन में मंगलवार का दिन माता गौरी को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन मंगला गौरी व्रत किया जाता है. मंगला गौरी व्रत के दिन शिवरात्रि का पड़ना भी अपने आप में विशेष होता है.

सावन सोमवार व्रत एवं पूजा विधि -

सोमवार व्रत रखने वाले व्यक्त को सूर्योदय से पूर्व उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए। साफ कपड़े पहनकर पूजा घर में जाएं. वहां भगवान शिव की मूर्ति, तस्वीर या शिवलिंग को गंगा जल से धोकर साफ कर लें. फिर तांबे के लोटे या अन्य पात्र में जल भरकर उसमें गंगा जल मिला लें. फिर भोलेनाथ का जलाभिषेक करें और उनको सफेद फूल, अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करें.

इसके पश्चात ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. फिर शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें.

सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है क्योंकि देवशयनी एकादशी जो कि सावन से चार दिन पूर्व आती है, को भगवान विष्णु के सो जाने पर रुद्र रूप में शिवजी सृष्टि का संचालन करते हैं. धर्म ग्रंथों में सावन के महीने को बहुत ही उत्तम और पुण्य मास कहा गया है. इसमें भी सावन के सोमवार का महत्व सबसे अधिक है. कहते हैं इस दिन भगवान शिव शिवलिंग में साक्षात निवास करते हैं और भक्तों द्वारा श्रद्धापूर्वक निवेदित किए गए प्रसाद और पूजन को स्वीकार करते हैं. 

ऐसे लोग जिनके परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु सर्पदंश से हुई हो उन्हें भी नागपंचमी के दिन शिवजी के साथ नाग देवता की पूजा करनी चाहिए. भविष्य पुराण के अनुसार, जिन लोगों की मृत्यु सर्पदंश से होती है वह मृत्यु के बाद सर्प योनी में जन्म लेते हैं. नाग देवता की पूजा से उनके पूर्वज सर्प योनी से मुक्त हो जाते हैं. 

धन संपत्ति की इच्छा रखने वाले शिव भक्त जल में शहद, दूध, मिसरी, दही और घी डालकर भगवान शिव का अभिषेक करें तो उन्हें लाभ मिलता है. नाग पंचमी को नाग देवता को दूध, धान का लावा और दूर्वा भी चढ़ाना अत्यंत शुभ फलदायी होता है. नाग देवता की पूजा करते समय नाग देवता के मंत्र का कम से कम 11 बार जप जरूर करना चाहिए.

सावन शिवरात्रि को काँवर यात्रा का समापन दिवस भी कहा जाता है, जो मानसून के श्रावण (जुलाई-अगस्त) के महीने मे आता है. हिंदू तीर्थ स्थानों हरिद्वार, गौमुख व गंगोत्री, सुल्तानगंज में गंगा नदी, काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, नीलकंठ और देवघर सहित अन्य स्थानो से गंगाजल भरकर, अपने - अपने स्थानीय शिव मंदिरों में इस पवित्र जल को लाकर चढ़ाया जाता है.

भगवान शिव का सबसे प्रवित्र दिन शिवरात्रि, सकारात्मक उर्जा का श्रोत है, इसलिए जल चढ़ाने के लिए पूरा दिन ही पवित्र और शुभ माना गया है. पर जल चढ़ाते समय आगे और पीछे की तिथि के संघ को ध्यान में रखें.

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Sawan Shivratri : 

The long stretch of Savan has begun. Presently when the issue has been scorched, you more likely than not been reasoning that when Sravarna's Shivratri is finished. So given us a chance to disclose to you that Savannah Shivaratri. The long stretch of Savan, which is called Shravan Mas, holds extraordinary criticalness in Hindu religion. 

In the period of Shravan, four Monday and Savan Shivratri are significant for the fans. It is accepted that love of Lord Shiva on the event of Savan and love of Shivratri finishes each desi. So given us a chance to educate you concerning the significance of love of Shivratri in Savannah, significance of Savannah Shivratri and propitious time. The long stretch of Krishna paksha Chaturdashi is the Masa Shivratri, the Shivaratri, which falls on Savan and Phalguna Krishna Chaturdasi, is exceptional. Falling in Falgun, Shivaratri is adored as Mahashivaratri. It is accepted that on this day Shiva Parvati was hitched, which was on Monday. 

For what reason is the extraordinary importance of Monday - 

Which was on Monday. Indeed, even on Monday, Savannah is extraordinary in itself. Actually, the convention of venerating Lord Shiva on Monday has been continuing for quite a while. On Monday, love of Lord Shiva is vital. On Monday, individuals like wise keep the fast, which is called (Someshwar). Someshwar has two implications, the main importance is the moon and the second significance God. That is, (Somdev) likewise trusts in his god, that is, Shiva. 

As indicated by Shiva Purana, loving Lord Shiva on each Monday can be comprehended by numerous hardships. It is accepted that in the event that Shiva is satisfied on any individual, at that point it expels every one of the issues from its horoscope. Alongside this neediness is additionally disposed of. These things ought to be remembered during the love of Shiva (Shiv Puja Vidhi) on Monday. 

Shivaratri, which falls in shravan month, is called Savan Shivratri. It is accepted that Shiva is especially preferred on this event of Shivratri. It is accepted that by offering water to Shivshamhu on this day, they are cheerful and complete the wants of the aficionados. Propitious Muhurat of Shiva Puja on Savannas. Step by step instructions to Lord Shiva's blessing on Shivaratri 

From the get-go the day of Shivratri, get up ahead of schedule and clean yourself. While heading off to the sanctuary, take water, milk, curd, nectar, ghee, sugar, fragrances, sandalwood, saffron, cannabis together in a vessel and bless Shivling.

We as a whole realize that Shiva is likewise called innocent. It is likewise accepted that they are content with their lovers and whatever fans offer, they enjoy it. All things considered, there is a confidence in offering something to Shiva in the pleasure. How about we think about them- 

- By offering things made of wheat to Shiva, you can satisfy them soon, such conviction. 

- It is accepted that to get the yearning, Shiva ought to be permitted to appreciate mung beans. 

- It is said that so as to get the ideal mate, Shiva ought to be given silo beat. 

- Simultaneously, there is likewise the acknowledgment of offering sesame to Shiva. It is accepted that by souring Shiva the wrongdoings are pulverized.

Sawan : 

Savan Monday fast in Hindu religion is of most extreme significance. On this day Lord Shiva is honored with love law and is satisfied to be propitious. While fasting on this day, youngsters get joy, riches, sound work and an alluring life accomplice, just as pain of starvation and sudden passing are survived. 

Sawan monday fast : 

On Monday, an individual who has fasted should ascend before dawn and scrub down subsequent to resigning from day by day exercises. Wearing clean garments, go to the love house. Wash the icon, picture or shiveling of Lord Shiva with the Ganges water and clean it. At that point fill the water in copper lote or other vessel and blend ganga water in it. At that point clean Bholenath and offer them white blossoms, bug, cannabis, dhatura, white sandalwood, cow's milk, incense and so forth. 

After this Chant Om Namah Shivaya mantra. At that point present Shiva Chalisa lastly do aarti. This entire month is viewed as committed to Lord Shiva, on the grounds that after Lord Shiva's rest, Shiva's creation is done in Rudra form. In the religious messages the long stretch of Saawan is said to be generally excellent and prudent month. 

There is likewise the most astounding estimation of Savan's Monday. It is said that Lord Shiva dwells in Shivalinga on this day and concedes Prasad and Pooja devotedly by lovers. Without Kailash in the stream, Lord Shiva runs the universe from this sanctuary. 

While following the fasting day, pursue these standards, watch and pursue the fast strategy, such an uncommon incident. Shivji ought to be blessed with Jalabhishek or milk by putting a couple of snakes. Shivji himself has said that the noteworthiness of Savan, the incredible story identified with this month. 

Indeed, even individuals do the demise of an individual in the group of Pujan, they are additionally conceived on this day Shivji You should venerate the snake god. As indicated by the future Purana, the individuals who bite the dust from snake chomp are conceived in the snake vagina after death. The love of Naga Devta is liberated from their predecessor's snake coconut. It is realized that this Shiva Mandir of Uttarakhand has relations with Pandavas, each longing is satisfied. 

In this uncommon fortuitous event Shiva fans who wish to have riches in the uncommon happenstance, are in the water of nectar, milk, By including curd and ghee, and applying Lord Shiva, they can get benefits. Indeed, even with Nag Panchami, it will be valuable to offer milk, paddy magma and durva to the snake god. While loving snake god, must recite the mantra of Naga Devta at any rate multiple times. 

Savan Shivratri is additionally called the end day of the Kanwar Yatra, which falls in the long stretch of Shravan (July-August) of storm. Hindu sacred spots are being brought to their neighborhood Shiva sanctuaries by getting this blessed water Haridwar, Gaumukh and Gangotri, Ganga stream in Sultanganj, Kashi Vishwanath, Baidyanath, Nilkanth and different spots including Deoghar. 

 
 
 
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