भगवान महादेव शिव का अभिषेक करने के पीछे एक पौराणिक कथा का उल्लेख किया जाता है जो कि निम्नलिखित है-
कहा जाता है कि
समुद्र मंथन के समय जब अमृत के साथ हलाहल विष भी निकला तो उससे सभी जीवों के प्राण संकट में आने लगे। हलाहल निकलने के बाद जब महादेव इस विष का पान करते हैं तो इसके प्रभाव से वह मूर्च्छित हो जाते हैं। उनकी दशा देखकर सभी देवी-देवता भयभीत हो जाते हैं और उन्हें होश में लाने के लिए निकट में जो भी चीजें उपलब्ध होती हैं, उनसे महादेव को स्नान कराने लगते हैं। तभी से ही जल से लेकर तमाम उन चीजों से महादेव का अभिषेक किया जाता है।
भगवान शिव के अभिषेक व पूजा में प्रयुक्त होने वाले कुछ विशेष द्रव्य और उनसे प्राप्त होने वाले फल-
मधु(शहद)- सिद्धि प्रदायक
दुग्ध से- समृद्धि दायक
कुषा जल- रोग नाशक
ईख रस- मंगल कारक
गंगा जल- सर्व सिद्धि दायक
ऋतू फल के रस- धन लाभ