Inspiration - (ईमानदार व्यक्ति दूसरों की ईमानदारी की छानबीन नहीं करते)
चेन ज़िकिन ने कन्फ्यूशियस के पुत्र से पूछा, “क्या तुम्हारे पिता ने तुम्हें ऐसा कुछ भी सिखाया है जो हम नहीं जानते?”
“नहीं”, कन्फ्यूशियस के पुत्र ने कहा, “लेकिन एक बार जब मैं अकेला था तो उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं कविता पढ़ता ह
ूँ या नहीं. मेरे ‘ना’ करने पर वे बोले कि मुझे कविता पढ़ना चाहिए क्योंकि यह आत्मा को दिव्य प्रेरणा के पथ पर अग्रसर करती है”.
“और एक बार उन्होंने मुझसे देवताओं को अलंकृत करने की रीतियों के बारे में पूछा. मैं यह नहीं जानता था इसलिए उन्होंने मुझे इसका अभ्यास करने के लिए कहा ताकि देवताओं को अलंकृत करने से मैं स्वयं का बोध भी कर सकूं. लेकिन उन्होंने यह देखने के लिए मुझपर नज़र नहीं रखी कि मैं उनकी आज्ञाओं का पालन कर रहा हूँ या नहीं.”
वहां से चलते समय चेन ज़िकिन ने मन-ही-मन में कहा:
“मैंने उससे एक प्रश्न पूछा और मुझे तीन उत्तर मिले. मैंने काव्य के बारे में कुछ जाना. मुझे देवताओं को अलंकृत करने के विषय में भी ज्ञान मिला. और मैंने यह भी सीखा कि ईमानदार व्यक्ति दूसरों की ईमानदारी की छानबीन नहीं करते”.