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हिन्दुओं का पवित्र तीर्थ स्थल नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के शिवालिक पर्वत की श्रेणियों पर स्थित है. मान्यता है कि यहां पर माता सती के दोनों नेत्र गिरे थे. माता नैना देवी अपने इस भव्य मंदिर में पिंडी रूप में स्थापित हैं. नैना देवी मंदिर के मुख्य द्वार के दाई ओर भगवान गणेश और हनुमानजी की मूर्ति है और मुख्यद्वार के पार करने के पश्चात् शेर की दो प्रतिमाएं है, जिसे माता का वाहन माना जाता है. नैना देवी मंदिर के गर्भगृह में 3 मुख्य मूर्तियां हैं, जिसमें माता नैना देवी मध्य में हैं, उनके दाई ओर माता काली हैं, जबकि उनके बाई ओर गणेश जी हैं. मंदिर के समीप एक गुफा है, जिसे नैना देवी गुफा कहा जाता है. नवरात्री नैना देवी मदिर का प्रमुख त्यौहार है. हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र और आश्विन में होने वाले दोनों नवरात्री के अवसर पर माता के इस मंदिर में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. भोग के रूप में माता को 56 प्रकार की वस्तुओं का भोग लगाया जाता है. आस्थावान भक्तों में मान्यता है कि इस समय यदि कोई श्रद्धा से माता की पूजा-अर्चना करता है तो, उसकी सारी मुसीबतें समाप्त हो जाती हैं और वह धन, धान्य और संतान आदि का सुख प्राप्त करता है. |