भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में पल्लव राजा नंदीवर्मन पल्लवमल्ला ने करवाया था। मंदिर में भगवान विष्णु को बैठे, खड़े और आराम करती मुद्रा में देखा जा सकता है। मंदिर की दीवारों में पल्लव और चालुक्यों के युद्धों के दृश्य बने हुए हैं। मंदिर में 1000 स्तम्भों वाला एक विशाल हॉल भी है जो पर्यटकों को बहुत आकषित करता है। प्रत्येक स्तम्भ में नक्काशी से तस्वीर उकेरी गई हैं जो उत्तम कारीगर की प्रतीक हैं।