साईं बाबा अपने जीवन के पूर्वाध्र्द में शिरडीवासियों की चिकित्सा भी किया करते थे| उनके द्वारा दी जाने वाली औषधि से रोगी शीघ्र ही रोगमुक्त हो जाया करते थे| इसी वजह से साईं बाबा एक कुशल चिकित्सक के रूप में भी प्रसिद्ध हो गए| बाबा की चिकित्सा करने की पद्धति भी अद्भुत थी|
एक बार साईं बाबा के एक भक्त की आँखें लाल हो गयीं और उनमें सूजन भी पैदा हो गयी| शिरडी जैसे छोटे-से गांव में आँखों की चिकित्सा करने वाला कोई चिकित्सक न था और उसकी आर्थिक स्थिति ऐसी न थी कि वह किसी बड़े शहर में जाकर अपनी चिकित्सा कराता| तब उसकी हालात देखकर बाबा के अन्य भक्तों ने उसे बाबा के पास जाने को कहा, फिर वह साईं बाबा के पास गया और उन्हें अपनी समस्या के बारे में बताया|
तब बाबा ने भिलावा को पीसकर उसके दो गोले बनाये और उन्हें उसकी आँखों पर रखकर ऊपर से पट्टी बांध दी, फिर अगले दिन पट्टी खोलकर आँखों पर ताजे पानी की छींटे मारे| बाबा की इस अद्भुत चिकित्सा से उसकी सूजन मिट गयी और आँखें भी ठीक हो गयीं| इस तरह से बाबा ने अपनी अनोखी चिकित्सा पद्धति से अनेक रोगियों को स्वस्थ किया|