1. बेसमेंट में निवास स्थान कभी नहीं बनाना चाहिए, इसके उत्तर, पूर्व तथा ईशान कोण क्षेत्र को बोरिंग व जल भंडारण के लिए प्रयोग करना चाहिए।
2. घर के पास कांटेदार वृक्ष जैसे बबूल आदि होने से शत्रुभय, दूध वाले वृक्ष जैसे आक, कटैली आदि से धननाश और फलदार वृक्ष संतान के लिए हानिकारक होते हैं।
3. वास्तु के अनुसार घर के दक्षिण में पाकड़ का वृक्ष, पश्चिम में बड़, उत्तर में गूलर और पूर्व में पीपल हो तो अनिष्टकारी प्रभाव डालता है।
4.तुलसी का पौधा हमेशा घर के पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर ही लगाना चाहिए, दक्षिण दिशा में तुलसी कठोर यातना और कारागार का भय देती है।
5. फेंगशुई के अनुसार हंसों का जोड़ा शयनकक्ष में रखने से पति और पत्नी के बीच प्यार और विश्चास में वृद्धि होती है|
6. ऐसी वस्तुएं जिससे वैवाहिक जीवन के आनंदमय क्षणों की याद आती रहे, उन्हें नैऋत्य कोण में लगाने से कटुता में कमी आती है।
7. अगर पति-पत्नी में लगातार झगड़ा होता है तो उन्हें वास्तु के हिसाब से अपने डबल-बेड पर इकहरा गद्दा बिछाना चाहिए।
8. भूखंड के बीच एक हाथ का बड़ा गड्ढा खोदकर उसमें से निकली मिट्टी को दोबारा भरिए यदि मिट्टी कम पड़ जाए तो उस भूमि पर भवन नहीं बनाना चाहिए।
9. वास्तु में मिट्टी का बहुत महत्व है। जो मिट्टी श्वेत, उपजाऊ तथा भीनी-भीनी महक वाली होती है, आवास तथा व्यावसायिक कार्यों के लिए शुभ होती है। भवन निर्माण से पहले भूखंड पर पांच ब्राह्मणों को भोजन करना बहुत ज़्यादा शुभ माना जाता है।
10. कमरे में हर तरह के सामान को सलीके से रखना चाहिए। इससे घर तो सुव्यवस्थित रहता ही है, घर में खुशहाली और शांति का माहौल भी बनता है।
11. वास्तु के अनुसार घर को सकारात्मक ऊर्जा और खुशनुमा माहौल देने के लिए भवन की दीवारों पर मनमोहक रंगों का इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए।
12. घर में गंदगी, कूड़ा-कबाड़ और बिखरे पड़े सामान से घर के सदस्यों को अपने लक्ष्य हासिल करने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।
13. वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरूम में पलंग के ठीक सामने आईना होना अशुभ होता है। इससे गृहस्वामी को अनिद्रा, बेचैनी जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
14. अग्निकोण में अनार का पेड़ शुभ फल देता है, लेकिन इस दिशा में वट, पीपल, पाकड़ और गूलर का पेड़ तकलीफ़ और मृत्युतुल्य कष्ट देता है।
15. यदि पढ़ाई करते वक्त बहुत ज़्यादा नींद आती हो, पढ़ाई में मन न लगे, रुकावटें आए तो इसके लिए छात्र को पूर्व की तरफ सिरहाना करके सोना चाहिए