पहली बार श्रीकृष्ण राधाजी से दूर तब गये, जब मामा कंस ने उन्हें और बलराम को मथुरा आमंत्रित किया । वृंदावन के लोगों को जब यह बात पता चली तो वह दुःखी हो गये । मां यशोदा परेशान थीं तो नंद बाबा चिंतित । सभी कृष्णजी के रथ के चारों तरफ खड़े हुए थे जो कान्हा के मामा ने उन्हें मथुरा लाने के लिये भेजा था ।
मथुरा जाने से पहले श्रीकृष्ण राधाजी से मिले थे जो उनके मन में चल रही हर गतिविधि को जानती थीं । दोनों को बोलने की ज्यादा आवश्यकता नहीं पड़ी, आखिर अलविदा कह वे चले गये ।
परन्तु विधि का विधान कुछ और ही था । राधाजी एक बार फिर कृष्णजी से मिलीं जब वे द्वारिका पहुँचीं । कृष्णजी ने जब राधा को देखा तो बहुत प्रसन्न हुए और दोनों संकेतों की भाषा में एक दूसरे से काफी देर तक बातचीत करते रहे
। राधाजी को द्वारिका में कोई नहीं जानता था । अतः उनके अनुरोध पर श्रीकृष्ण ने उन्हें महल में एक देविका के रूप में नियुक्त किया । वे दिन भर महल में रहतीं, महल से जुड़े कार्यों को देखती और जब भी मौका मिलता दूर से ही कृष्णजी के दर्शन कर लेती थीं । लेकिन एक दिन राधा महल से दूर चली गईं और भगवान श्रीकृष्ण उनके पास पहुँचे । यह दोनों का आखिरी मिलन था । यह वह समय था जब वे अपने प्रिय को अलविदा कह रही थीं ।
कान्हाजी ने राधाजी से पूछा , वे इस अंतिम समय में कुछ मांगना चाहें। तब राधाजी ने एक ही मांग की , वे आखिरी बार कृष्णजी को बांसुरी बजाते देखना चाहती थीं । कान्हाजी ने बांसुरी ली और बेहद मधुर धुन में बजाया , बांसुरी के मधुर स्वर सुनते-सुनते राधाजी ने अपना शरीर त्याग दिया ।
कृष्णजी ने इस घटना के बाद अपनी बांसुरी तोड़ दी और फिर कभी वह बांसुरी नहीं बजाई जिसकी तान सुन राधाजी गोलोक की ओर चली गई थीं ।
Posted Comments |
" जीवन में उतारने वाली जानकारी देने के लिए धन्यवाद । कई लोग तो इस संबंध में कुछ जानते ही नहीं है । ऐसे लोगों के लिए यह अत्यन्त शिक्षा प्रद जानकारी है ।" |
Posted By: संतोष ठाकुर |
"om namh shivay..." |
Posted By: krishna |
"guruji mein shri balaji ki pooja karta hun krishna muje pyare lagte lekin fir mein kahi se ya mandir mein jata hun to lagta hai har bhagwan ko importance do aur ap muje mandir aur gar ki poja bidi bataye aur nakartmak vichar god ke parti na aaye" |
Posted By: vikaskrishnadas |
"वास्तु टिप्स बताएँ ? " |
Posted By: VAKEEL TAMRE |
""jai maa laxmiji"" |
Posted By: Tribhuwan Agrasen |
"यह बात बिल्कुल सत्य है कि जब तक हम अपने मन को निर्मल एवँ पबित्र नही करते तब तक कोई भी उपदेश ब्यर्थ है" |
Posted By: ओम प्रकाश तिवारी |
Vegetarian Recipes | |
» | Sattu Dalia |
» | Jamaican Tempeh Patties |
» | PUNJABI ALOO AMRITSARI RECIPE |
» | STUFFED ALOO RECIPE |
» | Callaloo with Hot Pepper Vinegar |
» | MALAI KOFTA RECIPE |
» | Nachni Dosa |
» | Drumstick Curry |
More |
Upcoming Events | |
» | Akshaya Tritiya, 10 May 2024, Friday |
» | Parshuram Jayanti, 10 May 2024, Friday |
» | Buddha Purnima, 23 May 2024, Thursday |
» | Narada Jayanti, 24 May 2024, Friday |
» | Vat Savitri Vrat, 6 June 2024, Thursday |
» | Shani Jayanti, 6 June 2024, Thursday |
More |
Where to keep laughing Buddha at home(घर में कहा रखे लाफिंग बुद्धा) | |
Feng Shui items for health | |
Hanging lead crystal | |
View all |
पेड़ पोधो से बदले भाग्य | |
कर्ज से मुक्ति के लिए | |
दरिद्रता और दुर्भाग्य को कैसे करें दूर | |
उत्तर दिशा में रसोईघर~घर में हर दिन के कलह का कारण | |
ग्रहों के दोष निवारण के सामान्य उपाय | |
View all Remedies... |
Ganesha Prashnawali |
Ma Durga Prashnawali |
Ram Prashnawali |
Bhairav Prashnawali |
Hanuman Prashnawali |
SaiBaba Prashnawali |
|
|
Dream Analysis | |