भोलेनाथ को दूध चढ़ाने की परंपरा से पहले संक्षिप्त में ये समझ ले की शिवलिंग क्या है और जल/दूध हम सनातन धर्मी क्यों अर्पण कर रहे है।
शिवलिंग अर्थात शिव का प्रतीक, शिव का सूचक।
लिंग शब्द का मूल अर्थ होता है सूचक/प्रतीक।
जैसे स्त्रीलिंग अर्थात स्त्री का सूचक, पुल्लिंग अर्थात पुरुष का सूचक।
वैसे ही शिवलिंग अर्थात श्री शंकर भगवान के स्वरूप का सूचक।
नासा द्वारा एक खोज हुई जिसमें ये निष्कर्ष निकलता है की ब्रह्मांड का आकार कुछ इस प्रकार का है:
और अब शिव भगवान के लिंग स्वरूप का दर्शन कीजिये
समानता समझ आ रही है आपको!
श्री आदि शंकराचार्य ने वेदसार शिवस्तव नामक एक उत्तम स्तोत्र की रचना करी थी जिसका अंतिम पद है:
त्वत्तो जगद् भवति देव भव स्मरारे, त्वय्येव तिष्ठति जगन्मृड विश्वनाथ ! त्वय्येव गच्छति लयं भजदेतदीश, लिंगात्मकं हर चराचरविश्वरूपिन् !
हे विश्वनाथ प्रभो! ये सम्पूर्ण जगत की रचना केवल आपके द्वारा होती है। ये जगत उत्पत्ति के बाद केवल आपमे ही स्थित रहता है और जगत के अंत मे ये आपमे ही लीन हो जाता है। हे हर! हे चराचररूप! आप लिंगात्मक हैं।
अर्थात जो कुछ कही भी दिख रहा है, ये विश्व, आकाशगंगा, ये ब्रह्मांड और करोड़ो अन्य ब्रह्मांड आदि, ये सब श्री शिव भगवान में ही निवास करते है।
अब बात करे शिव लिंग किन पदार्थो से बना है और जल/दूध क्यों अर्पण करते है हम।
ये जगत पंच तत्वों से बना हुआ है जो विज्ञान द्वारा सिद्ध है।
पंचतत्व अर्थात अग्नि, पृथ्वी, वायु, आकाश, और जल।
शिवलिंग भी पंच तत्वों द्वारा निर्मित है क्योंकि शिवलिंग इस सम्पूर्ण जगत का ही तो स्वरूप है। आइये देखे:
1. अग्नि: शिवलिंग स्वयं अग्नि स्वरूप है। आपने ज्योतिर्लिङ्ग शब्द सुना है ना! ज्योतिर्लिंग अर्थात तेज/अग्नि/प्रकाश। सो शिवलिंग स्वयं में आग्नेयात्मक है और अग्नितत्त्व का सूचक है।
2. पृथ्वी: पृथ्वी अर्थात धरा, सतह। शिवलिंग को जहाँ स्थापित किया जाता है, वो ठोस भूमि पृथ्वी तत्त्व का सूचक है।
3. वायु: वायु अर्थात हवा, जो सर्वत्र सर्वदा विद्यमान रहती है, दिखाई नहीं देती। सो शिवलिंग के आस पास भी सदा वायु विद्यमान रहती है। ये वायु तत्त्व का सूचक है।
4. आकाश: आकाश अर्थात अंतरिक्ष। अगर मंदिर में शिवलिंग स्थापित है, वहाँ मंदिर की छत, या खुले में तो वहाँ आकाश है ही। ये आकाश तत्त्व का सूचक है।
अब आपके प्रश्न का उत्तर आ रहा है की दूध चढ़ाने की परंपरा को उचित सिद्ध किया जा सकता है क्या!
देखिये पांच में से चार तत्त्व ऊपर सरलता से समझ आ गए।
अब अंतिम तत्त्व है जल।
जल अर्थात रस। मतलब तरल पदार्थ जैसे सादा जल, इत्र मिश्रित जल, दूध, गन्ने का रस, शहद, घी आदि शुद्ध एवं वैदिक पदार्थ।
अब शिवलिंग में पंचतत्त्व में से चार पदार्थ तो पहले से ही है, अंतिम पदार्थ जल, वो हम भगवान को अर्पित करके पंचतत्त्व को परिपूर्ण करते है।
ये सौभाग्य भगवान ने हम मनुष्यों को दिया है की जल तत्त्व की पूर्ति हम स्वयं उनको अर्पण करें और जीवन मे अनंत शांति अनुभव करे।
सरल शब्दों में ये की पंचतत्त्व की पूर्ति के लिए हम भोलेबाबा को जल/दूध अर्पित करते है।
अब मैं या आप या संसार मे कौन ऐसा प्राणी है जो ये सिद्ध करने का साहस कर सके की दूध चढ़ाना सही है या गलत या और कुछ व्यर्थ के तर्क कुतर्क!
कितने भोले तो है अपने शिव बाबा जो मात्र एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाने भर से अत्यंत प्रसन्न हो जाते है।
एक बार पूरे हृदय से प्रेम के साथ बाबा को बस एक लोटा जल अर्पित करके देखिएगा, उतने क्षण मन को जो शांति और विश्राम मिलता है उसकी तुलना विश्व मे और कहीं नही है।
दूध तो दूर की बात है, जल चढ़ाइए शुरू में तो।
।। नमः शिवाय ।।
Posted Comments |
" जीवन में उतारने वाली जानकारी देने के लिए धन्यवाद । कई लोग तो इस संबंध में कुछ जानते ही नहीं है । ऐसे लोगों के लिए यह अत्यन्त शिक्षा प्रद जानकारी है ।" |
Posted By: संतोष ठाकुर |
"om namh shivay..." |
Posted By: krishna |
"guruji mein shri balaji ki pooja karta hun krishna muje pyare lagte lekin fir mein kahi se ya mandir mein jata hun to lagta hai har bhagwan ko importance do aur ap muje mandir aur gar ki poja bidi bataye aur nakartmak vichar god ke parti na aaye" |
Posted By: vikaskrishnadas |
"वास्तु टिप्स बताएँ ? " |
Posted By: VAKEEL TAMRE |
""jai maa laxmiji"" |
Posted By: Tribhuwan Agrasen |
"यह बात बिल्कुल सत्य है कि जब तक हम अपने मन को निर्मल एवँ पबित्र नही करते तब तक कोई भी उपदेश ब्यर्थ है" |
Posted By: ओम प्रकाश तिवारी |
Vegetarian Recipes | |
» | Cookies |
» | Paneer Chilly Dosa |
» | Chhena Jilabi |
» | STUFFED CAPSICUM RECIPE |
» | STUFFED TOMATO RECIPE |
» | Methi Leaves Sambhar |
» | HARA CHANA MASALA RECIPE |
» | Drumstick Curry |
More |
Upcoming Events | |
» | Akshaya Tritiya, 10 May 2024, Friday |
» | Parshuram Jayanti, 10 May 2024, Friday |
» | Buddha Purnima, 23 May 2024, Thursday |
» | Narada Jayanti, 24 May 2024, Friday |
» | Vat Savitri Vrat, 6 June 2024, Thursday |
» | Shani Jayanti, 6 June 2024, Thursday |
More |
Feng shui bagua | |
Feng Shui Dragon | |
Geopathic Stress | |
View all |
Lal Kitab Astrology | |
परीक्षा में अच्छे नंबर लेन हेतु उपाय | |
लाल किताब में लिए गए जीवन के विभिन्न पहलुओ हेतु उपाय | |
Yagya and Puja | |
नवरात्रि के लिए उपाय | |
View all Remedies... |
Ganesha Prashnawali |
Ma Durga Prashnawali |
Ram Prashnawali |
Bhairav Prashnawali |
Hanuman Prashnawali |
SaiBaba Prashnawali |
|
|
Dream Analysis | |