ऊँ जै यमुना माता , हरि ऊँ जै यमुना माता , नो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता ।
ऊँ जै यमुना माता..............................
पवन श्री यमुना जल शीतल अगम बहै धारा , जो जन शरण से कर दिया निस्तारा ।
ऊँ जै यमुना माता..............................
जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे , यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे ।
ऊँ जै यमुना माता..............................
कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही , तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही ।
ऊँ जै यमुना माता..............................
आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो , नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो ।
ऊँ जै यमुना माता..............................
नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी , मन ‘बेचैन ’ भया है तुम बिन वैतरणी ।
ऊँ जै यमुना माता..............................