धूप दीप घुत साजि आरती |वारने जाउ कमलापति || १ ||
मंगलाहरि मंगला |नित मंगल राजा राम राई को || रहउ०उत्तम दियरा निरमल बाती |तुही निरंजन कमला पाती |रामा भगति रामानंदु जानै |पूरन परमानन्द बखानै |मदन मूरति भै तारि गोबिन्दे |सैणु भणै भजु परमानन्दे |