हांगकांग के प्रसिद्ध कानूनविद और सांसद मार्टिन ली ने एक बार अपना अनुभव सुनाया.
उनके फुटबाल कोच ने एक दिन सारे खिलाड़ियों को बीच मैदान में जमा किया और एक प्रश्न उनकी ओर दागा – “यदि तुम कोई मैच खेल रहे हो और तुम्हें यह पता चले कि यह तुम्हारे जीवन का आखिरी 15 मिनट है तो तुम क्या करोगे?”
एक ने कहा – “मैं ईश्वर से अपने पापों का प्रायश्चित करूंगा.”
दूसरे ने कहा – “मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा.”
तीसरे ने कहा – “मैं अपनी मां को कॉल करूंगा.”
और इसी तरह बहुत से उत्तर आए. मगर कोच को संतुष्टि नहीं हुई.
अंत में कोच ने कहा – “अरे मूर्खों, तुम सब खिलाड़ी हो – तुम्हारे जीवन के अंतिम 15 मिनट में जान की बाजी वैसे भी लगी हुई है. जाओ और गोल दागो!”