कई धर्म, समुदाय पूजन एवं कर्मकांड में विश्वास नहीं करते हैं, लेकिन मरनें के बाद आत्मा की शांति के लिए वे सभी अपने अपने तरीके से पूजन एवं प्रार्थनाएं कराते हैं ... मरनें के बाद जब वे प्रार्थनाएं मृत आत्मा तक पहुँच जाती हैं तो जिन्दा रहते भी पहुंचनी चाहिए ..