सभी माता-पिता की यही इच्छा होती है कि उनके बच्चे पढ़ाई के मामले में अव्वल रहें। इसी इच्छा को पूरा करने के लिए बच्चों की शिक्षापर विशेष ध्यान भी दिया जाता है। बच्चों का परिणाम श्रेष्ठ रहे, इसके लिए वास्तु की टिप्स का भी ध्यान रखना चाहिए। वास्तु घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म करके सकारात्मकऊर्जा बढ़ाता है। घर का वातावरण सकारात्मक रहेगा तो बच्चों का मन पढ़ाई में भी अच्छी तरह लगा रहेगा। वास्तु में स्टडी रूम के लिए भी कई बातें बताई गई हैं, जिनसे विद्यार्थियों को काफी लाभ मिल सकता है। यहां जानिए स्टडीरूम से जुड़ी कुछ वास्तु टिप्स...
☆☆ विद्यार्थियों को ईशान कोण (उत्तर-पूर्व काकोना) की ओर मुंह करके पढ़ाई करनी चाहिए।यदि इस दिशा में पढ़ाई करना संभव न हो तो पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके पढ़ाई कर सकते हैं।
☆☆ यदि स्टडी रूम में चाय-पानी या नाश्ता भी किया हो तो जूठे बर्तन, प्लेट आदि को पढ़ाई करने से पहले वहां से हटा देना चाहिए।
☆☆ स्टडी रूम में पूर्व-उत्तर की ओर खिड़की होगी तो श्रेष्ठ रहता है।
☆☆ पढ़ाई करते समय अपने आस-पास का वातावरण शुद्ध होना चाहिए। सुगंध वाला वातावरण होना चाहिए, कमरे में दुर्गंध नहीं होना चाहिए।
☆☆पढ़ाई की टेबल पर आवश्यक सामग्री हीहोनी चाहिए। अनावश्यक सामग्री को तुरंत हटा देना चाहिए, अन्यथा पढ़ाई के समय मन भटक सकता है।
☆☆पढ़ने का समय सबसे अच्छा समय है ब्रह्ममुहूर्त। सूर्योदय से पहले यानी सुबह 4.30 बजेसे सुबह 10 बजे तक पढ़ाई करना लाभदायक रहता है। रात को अधिक देर तक पढऩा स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
☆☆अपने स्टडी रूम में माता सरस्वती,गणेशजी या अपने प्रिय देवी-देवता की फोटोलगा सकते हैं। स्टडी रूम में ऐसी चीजें, फोटोहोने चाहिए जो पढ़ाई से संबंधित हों।। नकारात्मक विचारों वाले फोटो, फिल्मी फोटो, प्रेम से संबंधित फोटो नहीं लगाना चाहिए।
☆☆ स्टडी रूम में किताबें दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में रख सकते हैं। उत्तर-पूर्व दिशा केकोने में हल्के सामान रखना चाहिए।
☆☆इस रूम का कलर हल्का पीला या सफेद होगा तो सबसे अच्छा रहेगा। गहरे रंगों के उपयोग से बचना चाहिए। इस रूम में दर्पणनहीं रखना चाहिए।