मकान निर्माण के लिए वास्तु अनुसार शुभ भूमि का चयन करते समय निम्नलिखित बाते मुख्तया ध्यान रखने वाली हें :
प्लाट के चारो कॉर्नर समकोण पर हो अर्थात प्लाट का आकार आयताकार या वर्गाकार हो. यदि प्लाट उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ा हुआ हो तो भी ठीक है पर दक्षिण-पशिम और दक्षिण-पूर्व में बढ़ा हुआ भूखंड उपयुक्त नहीं होता हें.
दो बड़े प्लाट की बीच स्थित एक अपेक्षाकृत छोटा प्लाट आर्थिक समृद्धि के लिए उपयुक्त नहीं होता हें.
प्लाट के पूर्व, उत्तर एवं उत्तर पूर्व दिशा में कोई बड़ा या भारी निर्माण नहीं होना चाहिए.
यदि प्लाट के उतर-पूर्व मे कोई पानी का स्थान हें तो यह शुभ होगा पर दक्षिण-पशिम दिशा मे पानी का स्थान कदापि नहीं होना चाहिए.
प्लाट समतल होना चाहिए, यही प्लाट समतल नहीं हे पर ढलान उत्तर या पूर्व दिशा की और होना चाहिए. दक्षिण या पशिम दिशा की और का ढलान नहीं होना चाहिए.
प्लाट टी (T) पॉइंट पर नहीं होना चाहिए यानि प्लाट के किसी भी दिवार पर पर आकार कोई रास्ता बंद नहीं हो जाना चाहिए.
प्लाट मंदिर, मकबरा, शमशान के सामने नहीं होना चाहिए एवं उस पर मंदिर अथवा पीपल के पेड की छाया पड़नी चाहिए.