Inspiration - (प्रार्थना का महत्व)
किसी जिज्ञासु ने पूछा के भगवान तो घट घट में विराजमान है, तो हम क्यों, उसे मंदिर और तीर्थ
को ही क्यों इतना महत्व दिया जाता है ,,
है ना बड़ा सार्थक प्रश्न .. बड़ा प्यारा प्रश्न है .
ये प्रश्न आपका भी होगा और हो सकता है अप में
से ही किसी ने पूछा होगा,,, मैंने उस जिज्ञासु को कहा गाय का दूध तो उसके पूरे शरीर में व्याप्त हुआ करता है लेकिन उसके सीग, पूछ या कान दबाने से
तुम्हे दूध प्राप्त नहीं हो सकता .. अगर
दूध चाहिए तो उसके थनों को ही दबाना होगा तब तुम्हे दूध
प्राप्त हो सकेगा . ीक उसी तरह पृथ्वी के कण कण में परमात्मा है , सबके भीतर परमात्मा है
लेकिन मंदिर तीर्थ और पूजा और प्रार्थना के स्थल हुआ करते है वो उस परमात्मा के रिजरवेसन के स्थान है , वहा परमात्मा अपनी दिव्यता -
भव्यता और शुद्धता के साथ प्रगट हुआ करते
है इसलिए उसका महत्व है .दुनिया में ऐसा कोई धर्म नहीं जिसमे प्रार्थना को महत्त्व ना दिया गया हो .
हर धर्म में हर संप्रदाय में हर मजहब में
प्रार्थना का महत्व दिया गया है.
क्या आप रोजाना प्रार्थना करते हैं...!!
प्रार्थना मतलब परमात्मा से मुलाकात..