- जितनी देर हम कीर्तन कर रहें है कोई पाप नहीं हो रहा ना ही हम कोई बुरा विचार भी कर रहे होते है .
- वह समय दैवीय शक्ति के स्मरण में , आराधना में , यानी
की उच्च चेतना में व्यतीत होता है .
- माता की सेवा हो जाती है .
- कोई भी जाप , पूजा जब समूह में की जाती है तो वह ज़्यादा असरकारक हो जाती है .
- सभी वाद्यों जैसे ढोलक , मंजीरा आदि के बजने से उत्साह की वृद्धि होती है और नकारात्मकता समाप्त होती है .
- जितनी देर ताली बजायेंगे , सभी एक्यूप्रेशर के पॉइंट्स दबने से सेहत अच्छी हो जाती है .
- थोड़ी देर सिर्फ उँगलियों से ताली बजाये . इसमें कोई आवाज़ नहीं आएगी पर मन में ताल तो बना रहेगा और उँगलियों के सभी पॉइंट्स दबेंगे .
- फिर थोड़ी देर कलाई आपस में टकराए . इससे वहां के पॉइंट्स भी दबेंगे .
- इस तरह माता को याद करते करते सेहत मिलेगी . तो प्रेम से बोलो " जय माता दी " कहते जाओ "जय माता दी "