शिवसागर झील के दक्षिण- पश्चिम में स्थित चौसठयोगिनी मंदिर चंदेल कला की प्रथम कृति है। यह मंदिर भारत के सेमस योगिनी मंदिरों में उत्तम है तथा यह निर्माण की दृष्टि से सबसे अधिक प्राचीन है। यह मंदिर खजुराहो की एक मात्र मंदिर है, जो स्थानीय कणाश्म पत्थरों से बनी है तथा इसका विन्यास उत्तर- पूर्व से दक्षिण- पश्चिम की ओर है तथा यह मंदिर १८ फुट जगती पर आयताकार निर्मित है। इसमें बहुत- सी कोठरियाँ बनी हुई हैं। प्रत्येक कोठरी २.५' चौड़ी और ४' लंबी है। इनका प्रवेश द्वार ३२ ऊँचा और १६ चौड़ा है। हर एक कोठरी के ऊपर छोटे- छोटे कोणस्तुपाकार शिखर है। शिखर का निचला भाग चैत्यगवाक्षों के समान त्रिभुजाकार है।