श्री गोविंदराजस्वामी भगवान बालाजी के बड़े भाई हैं। यह मंदिर तिरुपति का मुख्य आकर्षण है। इसका गोपुरम बहुत ही भव्य है जो दूर से ही दिखाई देता है। इस मंदिर का निर्माण संत रामानुजाचार्य ने 1130 ईसवी में की थी। गोविंदराजस्वामी मंदिर में होने वाले उत्सव और कार्यक्रम वैंकटेश्वर मंदिर के समान ही होते हैं। वार्षिक बह्मोत्सव वैसाख मास में मनाया जाता है। इस मंदिर के प्रांगण में संग्रहालय और छोटे-छोटे मंदिर हैं जिनमें भी पार्थसारथी, गोड़ादेवी आंदल और पुंडरिकावल्ली का मंदिर शामिल है। मंदिर की मुख्य प्रतिमा शयनमूर्ति (भगवान की निंद्रालीन अवस्था) है। दर्शन का समय है- प्रात: 9.30 से दोपहर 12.30, दोपहर 1.00 बजे से शाम 6 बजे तक और शाम 7.00 से रात 8.45 बजे तक।