छोटी काशी के रूप में प्रसिद्ध भिवानीशहर अपने आप में अनेक खूबियां समेटे हुए हैं। भिवानीने खेलों में जहां नाम कमाया है, वहीं मंदिरों के बेजोड व अनोखे नमूनों ने इसे अलग पहचान प्रदान करके छोटी काशी नाम को सार्थक किया है। भिवानीकी कृष्णा कॉलोनीमें स्थित श्रीसनातनधर्म मंदिर भी यहां के अनुपम धार्मिक स्थलों में शुमार है।
वैसे तो इस मंदिर में कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं लेकिन इस मंदिर को भित्तिचित्रों का मंदिर कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यहां बने देवी-देवताओं के आकर्षक भित्तिचित्र मन में साकार रूप लेने लगते हैं। यह भिवानीका ऐसा मंदिर है जिसकी दीवारें विभिन्न प्रेरणादायीभित्तिचित्रों से अटी हुई हैं। पितृभक्तश्रवण का चित्र सबको सहज ही आकृष्ट कर लेता है। रानी लक्ष्मीबाई सहित विभिन्न देशभक्तों के भित्तिचित्र भी यहां दर्शनीय हैं।
इस मंदिर में लक्ष्मी-नारायण, शिव-पार्वती पुत्र गणेश, सीता-राम, पवनपुत्र हनुमान, शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण व माता दुर्गा सहित विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण दीवारों पर बनाए गए भित्तिचित्र हैं। इस मंदिर की दीवारों पर एक ओर ताडकावध, पंचवटी, सीताहरण, बाली-सुग्रीव युद्ध, राम-रावण युद्ध, कालियानाग दमन, गीता उपदेश, वासुदेव श्रीकृष्ण की बाल-लीलाएं, माता यशोदा, गोवर्धनपर्वत, द्रोपदी चीरहरण, कवि सूरदास,मीराबाईव महाकवि तुलसीदास के भित्तिचित्र बनें हैं तो दूसरी ओर शहीद भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, दानवीर भामाशाह,महाबली कर्ण, महाराणा प्रताप, शिवाजी, चाणक्यव वीर हकीकत राय के भित्तिचित्र शोभायमान हैं।
इन चित्रों को देखकर मन न केवल भक्ति भावों से भर जाता है बल्कि देशभक्ति की भावना भी बलवती होती है। देशभक्तों के चित्र देखकर मन में देशभक्ति का जज्बा हिलोरे लेने लगता है। इस प्रकार इस मंदिर में भक्ति के साथ-साथ चिंतन, देशभक्ति और कला की त्रिधारा का सहज संगम दिखाई देता है। वैसे तो यहां पर श्रद्धालु दिनभर आते रहते हैं परंतु शाम के समय यहां पर श्रद्धालुओं की विशेष भीड रहती है।