करनाल की पुरानी अनाज मंडी के पीछे बनी श्रीकृष्ण गोशालागोसेवाकी पर्याय बनी हुई है। इस गोशालामें गायों की विशेष रूप से देखभाल की जाती है।
र्मग्रंथोंमें वर्णित है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास है। हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। यही कारण है कि गायों की सेवा के लिए समय-समय पर देश के विभिन्न भागों में गोशालाओंकी स्थापना की गई है। करनाल की पुरानी अनाज मंडी के पीछे स्थित श्रीकृष्ण गोशालागोसेवाकी पर्याय बनी हुई है। इसमें गायों के स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है।
हरियाणा में 200से भी ज्यादा गोशालाएंबनी हैं। ये गोशालाएंगोभक्तोंके सहयोग से सुचारूरूप से चल रही हैं। करनाल में बनी श्रीकृष्ण गोशालावर्ष 1995में लगभग तीन एकड जमीन पर बनाई गई थी। इसका उद्घाटन गीता महिषी स्वामी ज्ञानानंदमहाराज ने किया था। कुछ समय उपरांत इसके साथ लगती जमीन दान रूप में मिली। अब यह गोशालादिन दोगुनी रात चौगुनीतरक्की पर है। इस गोशालासमिति के सदस्यों ने देशभर की गोशालाओंका निरीक्षण किया व वहां की हर सुविधाओं की सूची तैयार की। सुख-सुविधाओं की इसी सूची को ध्यान में रखकर वर्ष 2007में इस गोशालाका पुनर्निर्माण करके इसे आदर्श गोशालाका रूप दिया गया।
श्रीकृष्ण गोशालामें 750से भी अधिक गायें हैं। गोशालाभवन में प्रवेश करते ही दाई ओर राधा-कृष्ण मंदिर बनाया गया है व बाईओर एक पार्क का निर्माण किया गया है। यहां आने वाला हर गोभक्तफूलों संग हरियाली देखकर पुलकित हो उठता है। गोशालाके बरामदों में गायों के दर्शन होते हैं। ये गायें कतारों में शांति से खडी रहती हैं। इन्हें देखकर हर इन्सान अनुशासन का पाठ पढने को मजबूर हो जाता है।
गोशालाकी साफ-सफाई देखते ही बनती है। हवा के लिए पंखे व गंदी हवा बाहर निकालने के लिए बरामदों की छतों में से स्थान छोडा गया है। यही कारण है कि आगंतुक को सैकडों गायों के बीच भी किसी तरह की दुर्गध का एहसास नहीं होता। बाडों के अंदर गायों को गर्मी के मौसम में ठंडक देने की सुविधा की गई है। यहां छतों के ऊपर फव्वारे लगे हैं। बेहद गर्मी के मौसम में कुछ देर इन फव्वारों को चलाया जाता है।