वन्दे हं शीतलां देवी रासभस्थां दिगम्बराम्। मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालङ्कृतमस्तकाम्।। अर्थ है दिगम्बरा, गर्दभ वाहन पर विराजित, शूप, झाड़ू और नीम के पत्तों से सजी-संवरी और हाथों में जल कलश धारण करने वाली माता को प्रणाम हैं।