सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये ˜यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥ अर्थ :- नारायणी! तुम सब प्रकार का मङ्गल प्रदान करनेवाली मङ्गलमयी हो। कल्याणदायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को सिद्ध करनेवाली, शरणागतवत्सला, तीन नेत्रोंवाली एवं गौरी हो। तुम्हें नमस्कार है।