ज्वर उतारने का मन्त्र
मन्त्रः-
“सुनु खगपति यह कथा पावनी ।
त्रिविध ताप भव भय दावनी ।।”
मन्त्र की प्रयोग विधि और लाभः-
सर्वप्रथम शिवरात्रि के अवसर पर इसे एक लाख बार जप लें । इसके बाद जब भी आवश्यकता हो काँसे की कटोरी में जल भर करके इस मन्त्र से १०८ बार फूँक मारकर रोगी को पिला दें ।
इस मन्त्र के प्रयोग से तीन तरह के ज्वर और तिजारी ज्वर तो विशेष ही ठीक हो जाते हैं ।