अनुभूति करने का मन्त्र
मन्त्रः-
“मोरे हित हरि सम नहिं कोऊ ।
एहि अवसर सहाय सोइ होऊ ।।”
मन्त्र की प्रयोग विधि और लाभः-
प्रभु कृपा के लिए एकाग्रता आवश्यक है अतः तन-मन को प्रभु राम में जोड़ करके इस मन्त्र के लगातार जप करते रहें । जप काल में जैसी अनुभूति हो वैसा ही करके लाभ उठायें ।
जब कोई भी उपाय लाभान्वित न कर रहा हो और प्राण या मान संकट में हो तब इस मन्त्र का प्रयोग करते हैं ।