एक नगर में एक साधू महात्मा आए हुए थे। राजा जी ने जब ये बात सुनी तब उनहोंने साधू महात्मा को राजमहल पधारने के लिए निमंत्रण भीजवाया। साधू जी ने राजा जी का निमंत्रण स्वीकार कर राजमहल पहुंचे।
राजा जी ने उनके स्वागत में हो सके उतनी सारी सेवायें दी।
साधू जी अब वहां से जाने लगे तब राजा जी ने उनको विनती की की - "कुछ सिख देते जाएँ"
तब साधू महात्मा ने उनके हाथों में एक कागज़ की बन्ध पर्ची देते हुए कहा की - "