अंधे को मंदिर आया देख लोग हँसकर बोले - "मंदिर में दर्शन के लिए आए तो हो, पर क्या भगवान को देख पाओगे?" अंधे ने कहा -"क्या फर्क पड़ता है, मेरा भगवान तो मुझे देख लेगा."
दृष्टि नहीं दृष्टिकोण सही होना चाहिए