निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्षः शिवप्रियः।
ॐ ऐं हीं श्रीं श्नैश्चराय नमः ||
(5 माला का जाप करें)
रत्न- नीलम .
भोजन - उड़द व तेल से बने पदार्थ |