Home » Lal Kitab Remedies » समस्याओं के निवारण के लिए मंत्र

समस्याओं के निवारण के लिए मंत्र

प्राचीन भारतीय ग्रंथों में कई ऐसे मंत्र दिए गए हैं जिनकी सहायता से असंभव कार्य को भी संभव किया जा सकता है। इन मंत्रों के प्रयोग से किसी भी कठिनाई को चुटकी बजाते ही दूर करना तो मामूली चीज है ही, साथ में जन्म-जन्मान्तर के भी बंधन कट जाते हैं। 

शक्तिशाली मंत्र,  जिसे सुनने मात्र से ही पाप कट जाते हैं। इस मंत्र के जाप से जीवन की बड़ी से बड़ी बाधा भी आसानी से कट जाती है।

"नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे

सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:||"

जीवन में आने वाली समस्त बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए रोज सुबह इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र को भगवान शिव तथा विष्णु की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। यह मंत्र अत्यन्त गुप्त है तथा आमतौर पर इसका उल्लेख नहीं किया जाता है।

ऐसे इस्तेमाल करें : इस मंत्र के बारे में महाभारत के अनुशासन पर्व तथा तंत्र के प्राचीन ग्रंथों में लिखा गया है। इसके इस्तेमाल की विधि भी अत्यन्त सरल है। आपको केवल इतना सा करना है कि रोज सुबह नहा-धोकर, साफ धुले हुए कपड़े पहने तथा भगवान विष्णु की पूजा करें। उन्हें पीले पुष्प, प्रसाद, चंदन आदि समर्पित करें और यथायोग्य उनकी पूजा कर उनसे इस मंत्र के जाप को आरंभ करने का आशीर्वाद लें।

हर संकट की काट हैं ये शक्तिशाली मंत्र, प्रतिदिन जाप करने से घर में आएगी खुशहाली : लड़ाई-झगड़े ​हर घर में ​होते रहते हैं, लेकिन अधिकतर घरों में देखने को मिलता है कि अक्सर घर के सदस्यों में मतभेद होते रहते हैं जिससे रिश्ते टूटने की कगार पर आ जाते हैं। अगर आप अपने घर में होनें वाले रोज रोज के झगड़ों से परेशान हैं तो इसका उपाय भी हमारे हिंदू ग्रंथों में दिया गया है।

हिंदू पुराणों के अनुसार हमारे प्राचीन ग्रंथों में हर समस्या का हल दिया हुआ है। अलग-अलग तरह के मंत्रों का जाप कर के आप अपनी ​कई तरह की मुश्किलों का हल निकाल सकते हैं। घर में लड़ाई झगड़ों की ऐसी हालतों में घर का कोई एक पक्ष भी अगर इन मंत्रों का जाप करें तो घर में शां​ति का माहौल बन स​कता है।


घर में शांति के लिए मंत्र :

। धां धी धूं धूर्जटे पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवी, शां शीं शूं में शुभं कुरू।।

विधि : इस मंत्र का जाप करनें के लिए इच्छुक व्यक्ति को काली माता की मूर्ति अथवा चित्र पर पुष्प माला अर्पण कर के और दीप जलाकर देवी मां का मन में ध्यान करना चाहिए। इस मंत्र का जाप लगातार 108 बार और 28 से 43 दिनों तक करने से घर में शांति का वास होता है।


शादी में आ रही अड़चनों को दूर करने का मंत्र : 

हे गौरी शंकराद्वांगि यथा त्व शंकरप्रिया। तथा मां कुरू कल्याणि कांतकांता सुदुर्लभाम्। ।।

विधि : इस मंत्र का जाप लड़का या लड़की की शादी में आ रही रूकावटों को दूर करने के लिए ​किया जाता है। इसके लिए सुबह प्रात: स्नान करने के बाद भगवती पार्वती के चित्र के सामने पुष्प माला अर्पण कर के और दीप जलाकर लड़की या लड़के को 40 दिनों तक लगातार 22 माला का जाप करना चाहिए।



भयनाशक मंत्र : 

ओम ऐं हरीं हनुमते रामदूताय नम:।।

विधि : इस मंत्र का जाप भय को भगाने या लगातार आ रहे डरावने सपनों को दूर रखने के लिए किया जाता है। इसके लिए हनुमान जी के किसी भी बलशाली चित्र के सामने एकांत स्थान पर बैठ कर 108 बार इस मंत्र का जाप करें। इससे आपके अंदर आत्मविश्वास आएगा।


विष्णु सहस्रनाम : सनातन धर्म में मंत्रोच्चारण का विशेष महत्व माना गया है. अगर सही तरीके से मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो यह जीवन की दशा और दिशा दोनों ही बदल सकते हैं. बहुत से लोग मंत्रों को सही तरीके से उच्चारित नहीं कर पाते और जब मनचाहा फल प्राप्त नहीं होता तो उनका विश्वास डगमगाने लगता है. इसलिए आज मैं आपको एक ऐसा मंत्र बताने जा रही हूं जिसे सुनने या पढ़ने मात्र से आपकी समस्याओं का समाधान निकलने लगता है. शास्त्रों में ब्रह्मा जी को सृष्ष्टि का सृजनकार, महादेव को संहारक और भगवान विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है. हिंदू धर्म में विष्णु सहस्रनाम सबसे पवित्र स्त्रोतों में से एक माना गया है.

इसमेें भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन किया गया है. मान्यता है कि इसके पढ़ने-सुनने से इच्छाएं पूर्ण होती हैं.ये स्त्रोत संस्कृत में होने से आम लोगों को पढ़ने में कठिनाई आती है इसलिए इस सरल से मंत्र का उच्चारण करके वैसा ही फल प्राप्त कर सकते हैं जो विष्णु सहस्रनाम के जाप से मिलता है.

महाभारत के ‘अनुशासन पर्व’ में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन मिलता है. जब भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर थे उस समय युधिष्ठिर ने उनसे पूछा कि, “कौन ऐसा है, जो सर्व व्याप्त है और सर्व शक्तिमान है?” तब उन्होंने भगवान विष्णु के एक हजार नाम बताए थे.

भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था कि हर युग में इन नामों को पढ़ने या सुनने से लाभ प्राप्त किया जा सकता है. यदि प्रतिदिन इन एक हजार नामों का जाप किया जाए तो सभी मुश्किलें हल हो सकती हैं.आध्यात्यमिक एवं वैज्ञानिक रूप से, गायत्री-मंत्र संभवतः सर्वाधिक प्रेरणादायक, प्रभावकारी, शक्तिशाली,लोकप्रिय मंत्र है


गायत्री मंत्र :

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

भावार्थ:- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।|

आध्यात्यमिक एवं वैज्ञानिक रूप से, गायत्री-मंत्र संभवतः सर्वाधिक प्रेरणादायक, प्रभावकारी, शक्तिशाली,लोकप्रिय मंत्र है |


इसी प्रकार महामृत्युंजय मंत्र भी शक्तिशाली माना जाता है | हिन्दू धर्म के सबसे शक्तिशाली मंत्र:

ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम।

उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।


हम त्रिनेत्र-धारी भगवान् शंकर की पूजा करते हैं, जो प्रत्येक श्वास में जीवन-शक्ति का संचार करते हैं, जो जीवन की मधुर परिपूर्णता को पोषित करते हैं, उनसे प्रार्थना है कि जिस प्रकार ककड़ी पक जाने पर अपनी बेल से पक जाने के पश्चात् अलग हो जाती है, उसी प्रकार वे हमें संसार-रूपी बंधन से मुक्त कर मोक्ष की प्राप्ति करने मेंं सहायक हों।


  • यदि भय से छुटकारा पाना चाहते हैं तो 1100 बार इस मंत्र का जप करें।
  • रोगों से यदि मुक्ति पाना चाहते हैं तो 11000 मंत्रों का जप करें।
  • पुत्र की प्राप्ति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए सवा लाख की संख्या में मंत्र जप किया जाता है। अकसर इसके लिए पंडितों को संकल्प दिलाकर सवा लाख मंत्रों का जाप कराया जाता है।
  • जपकाल के दौरान पूर्ण रूप से सात्विक रहना चाहिए।
  • मंत्र के दौरान साधक का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  • मंत्र का जाप शिवमंदिर में रूद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए।
  • मंत्र का उच्चारण बिल्कुल शुद्ध और सही होना चाहिए तथा मंत्र की आवाज मुंह से बाहर नहीं निकालें।
  • इस मंत्र को करते समय धूप-दीप जलते रहना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें।
  • महामृत्युमंजय मंत्र का जाप करते वक्त शिवलिंग में दूध मिले जल से अभिषक करते रहें।
  • मंत्र का जाप कोई आसन या कुश का आसन बिछा कर करें।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप एक निर्धारित जगह में ही करें। रोज जगह नहीं बदलें।
  • जितने भी दिन मंत्र का जाप करें उतने दिन मांसाहार से दूर रहें।

सबसे शक्तिशाली मंत्र अपना श्रद्धा, विश्वास, संकल्प शक्ति और समर्पण है । कोई भी मन्त्र आपको दे दिया जाए वो काम तभी करेगा जब ये सारी चीजे हो ।


 
 
 
Comments:
 
 
 
 
UPCOMING EVENTS
  Vivah Panchami 2024, 6 December 2024, Friday
  Krishna Janmashtami 2025, 16 August 2025, Saturday
  Dhanteras 2025, 18 October 2025, Saturday
 
 
Free Numerology
Enter Your Name :
Enter Your Date of Birth :
Copyright © MyGuru.in. All Rights Reserved.
Site By rpgwebsolutions.com