पितरों को खुश करने के लिये बहुत सारे उपाय है तो हम यहाँ आपको बता रहा है जिससे आप बड़ी आसानी से करके पितृ दोष के प्रभाव को कम कर सकोगें ! पितर दोष के कारण मनुष्य को कई समस्याओँ का सामना करना पड़ता है ! उनका जीवन एक दम से रुक सा जाता है ! यह सब पितृ दोष के कारण होता है ! बहुत से व्यक्तियो के जीवन के एसी समस्या को देखते हुए हम आपके लिए बड़े ही आसन से पितृ को प्रसन्न करने के उपाय बता रहे हैं !
- यदि अगर किसी विशेष कामना को लेकर किसी परिजन की आत्मा पितृ दोष के कारण परेशानी उत्पन्न करती है तो “गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र ” का पाठ करना चाहिए ! ऐसा करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं !
- पितरों को प्रसन्न करने के व्यक्ति को भोजन बनने पर सबसे पहले पित्तरों के नाम की खाने की थाली निकालकर गाय को खिलाना चाहिए ऐसा करने से उस घर पर पित्तरों का सदैव आशीर्वाद रहता है और साथ ही साथ घर के मुखियां को भी चाहिए कि वह भी अपनी थाली से पहला ग्रास पित्तरों को नमन करते हुए कौओं के लिये अलग निकालकर उसे खिला दें ऐसा करने से भी पितृ दोष में कमी आती है !
- पितरों को खुश करने के लिए व्यक्ति को रोजाना पित्र चालीसा का पाठ करना चाहिए !
- कुंडली में पितृ दोष होने पर पितरों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने चाहिए या उसमे चंदा देना चाहिए ! ऐसा करने से पितरों को प्रसन्नता होती हैं !
- पितरों को खुश करने के लिए जातक को अपने घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए और उनका आशीर्वाद करना चाहिए ! ऐसा करने से पितृ खुश होने लगते हैं !
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए या पितरों की शांति के लिए पित्र दोष निवारण यन्त्र की स्थापना करनी चाहिए !
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति याद रखे घर के सभी बड़े बुजर्ग को हमेशा प्रेम, सम्मान, और पूर्ण अधिकार दिया जाय , घर के महत्वपूर्ण मसलों पर उनसे सलाह मशविरा करते हुए उनकी राय का भी पूर्ण आदर किया जाय ,प्रतिदिन उनका अभिवादन करते हुए उनका आशीर्वाद लेने, उन्हे पूर्ण रूप से प्रसन्न एवं संतुष्ट रखने से भी निश्चित रूप से पित्र दोष में लाभ मिलता है !
- पितरों को खुश करने के लिए व्यक्ति को अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों गरीब और ब्राह्मणों को खाना खिलाना चाहिए खाने में मृतात्मा की मनपसंद एज वस्तु होनी चाहिए ! और साथ ही साथ अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि का दान करना चाहिए !