अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। यह महोतसव गर्मी के समय आता है, ये महीना हर 3 साल में एक बार आता है। श्रीमद्भागवत पुराण में इस माह का विशेष महत्व बताया गया है। अधिकमास में धर्म-कर्म करने की परंपरा है। मान्यता है कि इन दिनों में भागवत कथा करने से अक्षय पुण्य मिलता है। श्रीकृष्ण की कृपा मिलती है और हमारी सभी परेशानियां दूर होती हैं।
यहां जानिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस माह में कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं...
पहला उपाय
अगर आप धन लाभ पाना चाहते हैं तो अधिकमास में रोज सुबह भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। लक्ष्मी पूजा में दक्षिणावर्ती शंख, पीली कौड़ी, हल्दी की गांठ, गोमती चक्र, श्रीयंत्र भी रखें।
दूसरा उपाय
बुधवार को लक्ष्मी-विष्णु पूजा के बाद घर के मुख्य द्वार पर महालक्ष्मी के चरण चिह्न लगाएं। चरण चिह्न घर के अंदर प्रवेश करते हुए लगाना चाहिए। रोज सुबह लक्ष्मी के चरणों की पूजा करें।
तीसरा उपाय
रोज सुबह जल्दी उठें और उठते ही दोनों हथेलियां देखें। स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। सूर्य को जल चढ़ाते समय ऊँ आदित्याय नम: मंत्र का जाप करें।
चौथा उपाय
घर के मंदिर में रोज कुछ देर श्रीमद्भागवत का पाठ करें। इस उपाय से श्रीकृष्णजी की कृपा मिलती है।
पांचवां उपाय
श्रीकृष्णजी के बाल स्वरूप बाल गोपाल को माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
छठा उपाय
गर्मी के दिनों के समय,
इन दिनों में शिवलिंग पर ठंडा जल चढ़ाएं। इसके लिए चांदी के लोटे का उपयोग करेंगे तो शुभ रहेगा।
सातवां उपाय
हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और ऊँ रामदूताय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें।
आठवां उपाय
रोज सूर्यास्त के बाद शिवलिंग के पास घी का दीपक जलाएं और महामृत्युंजय
मंत्र का जप करें। मंत्र- ऊँ भूर्भुवः स्वः ऊँ त्र्यम्बकंयजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
नवां उपाय
रोज सुबह घर से निकलने से पहले श्री गणेशजी के दर्शन करें और इसके बाद काम की शुरुआत करें।
दसवां उपाय
रोज सुबह पहली रोटी गाय को खिलाएं। मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।