शास्त्रों के अनुसार जब भी कोई पूजन किया जाता है तो उसमें मुख्य रूप से गुलाल, मौली, सिंदूर, हल्दी, अबीर, अक्षत आदि प्रयोग में लाए जाते हैं। इस लेख में हम बात करेंगे अक्षत यानि चावलों की, पूजन सामग्री में उनका क्या महत्व है? अक्षत यानि चावल। अक्षत का अर्थ होता है जो टूटा न हो। किसी भी प्रकार की पूजा आदि में अक्षत का होना अनिवार्य माना जाता है क्योंकि यह पूर्णता का प्रतीक है। तभी तो किसी के मस्तक पर तिलक लगाकर उस पर अक्षत जरूर लगाया जाता है। अक्षत का उपयोग घर की दरिद्रता भी दूर कर सकता है। आईए जानें अक्षत से कैसे पाए जा सकते हैं ढेरों लाभ-
- धन की कमी को दूर करने के लिए पूर्णिमा के बाद आने वाले सोमवार को भगवान शिव के मंदिर में जाएं। ध्यान रखें, मंदिर में चहल-पहल न हो, चारों तरफ शांति होनी चाहिए। अपनी शक्ति के अनुसार चावल ले जाकर शिवलिंग का स्पर्श करवाएं, अब उसमें से एक मुट्ठी उन पर चढ़ा दें। बाकी के बचे चावल किसी जरूरतमंद को दान कर दें अथवा शिवालय में ही छोड़ आएं।
- गाय को मीठे चावल खिलाने से मनचाही नौकरी मिलती है और ऑफिस में चल रही सभी समस्याओं का हल होता है।
- मनचाहे धन की प्राप्ति के लिए रोजाना एक मुट्ठी चावल मछलियों को डालें।
- कुंडली के मंगल दोष को शांत करने के लिए पके हुए चावलों से शिवलिंग का श्रृंगार कर भोलेनाथ की पूजा करे|