1. बच्चों का कमरा उत्तर–पूर्व दिशा में होना चाहिए। अगर बच्चों के पढ़ने का कमरा अलग है तो वह दक्षिण दिशा में होना चाहिए। स्टडी रूम में देवी सरस्वती की तस्वीर या मूर्ति लगाई जा सकती है। बच्चों के कमरे की दीवारों का रंग हल्का होना चाहिए।
2. वास्तु शास्त्र के अनुसार खाना खाते समय हमारा मुंह सकारात्मक दिशा में होना चाहिए। खाना खाते समय हमारा मुंह हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
3. घर में फ्रिज दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
4. शयनकक्ष कभी दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। शयन कक्ष में दर्पण न लगायें। यह आपसी सम्बन्धों में दरार पैदा करता है। शयनकक्ष या बेडरूम में लकड़ी के बने पलंग रखने चाहिए।
5. सोते समय पैर दरवाजे की तरफ नहीं होने चाहिए।
6. बेडरूम में मंदिर नहीं होना चाहिए। साज-श्रृंगार का सामान या किसी तरह का वाद्य यंत्र शयनकक्ष में रखा जा सकता है। बेडरूम की दीवारों का रंग सफेद, जामुनी, नीला या गुलाबी होना चाहिए। बेडरूम की दीवारों पर लाल रंग का इस्तेमाल ना करें।
7. झूठे बर्तन वॉश बेसिन में रात को नहीं छोड़े। सुबह और शाम के समय अगर संभव हो तो भोजन बनाने से पहले किचन में धूप-दीप अवश्य दिखाएं लेकिन याद रखें किचन में पूजा स्थान बनाना शुभ नहीं होता।
8. बेडरुम में आइना उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। आइना ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए।
9. मकान में भारी सामान दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखने चाहिए। हल्के सामान उत्तर,पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखे जाने चाहिए।
10. घर में कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए। आप चाहें तो फेंगशुई पौधे (Feng Shui Plants) जैसे मनी प्लांट या बांस लगा सकते हैं।
11. घर में मौजूद किसी भी प्रकार के वास्तु दोष को समाप्त करने के लिए वास्तु दोष निवारक यंत्र का प्रयोग किया जा सकता है। इस यंत्र की स्थापना सुयोग्य पंडित द्वारा करवाएं। इसके अतिरिक्त स्वास्तिक, मुस्लिम संप्रदाय का 786 या ईसाई संप्रदाय के क्रास का चिह्न भवन के मुख्य द्वार पर अंकित करने से सभी तरह के वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं।
12. घर में महाभारत से जुड़ी किसी भी तस्वीर को कभी ना लगाएं। हालांकि कृष्ण लीलाओं जैसे बांसुरी बजाते कृष्ण और राधा का चित्र अथवा यशोदा-कृष्ण की तस्वीर घर में लगाई जा सकती है। कई लोग घर में ताजमहल की मूर्ति या प्रतीकात्मक तस्वीर लगाते हैं जो गलत है। दरअसल ताजमहल एक प्रकार की कब्र है इसलिए इसे घर में नहीं रखना चाहिए।
13. घर का मध्य स्थल ब्रह्मस्थान कहलाता है। इसे खाली और हमेशा स्वच्छ रखें।
14. टॉयलेट और बाथरूम अलग-अलग होने चाहिए। यदि स्नानघर व शौचालय एक साथ हैं, तो स्नानघर में हमेशा एक कांच की कटोरी में साबुत नमक भरकर रखें और हर सप्ताह इसे बदलते रहें। वास्तु शास्त्र के अनुसार नमक नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है।
Posted Comments |
" जीवन में उतारने वाली जानकारी देने के लिए धन्यवाद । कई लोग तो इस संबंध में कुछ जानते ही नहीं है । ऐसे लोगों के लिए यह अत्यन्त शिक्षा प्रद जानकारी है ।" |
Posted By: संतोष ठाकुर |
"om namh shivay..." |
Posted By: krishna |
"guruji mein shri balaji ki pooja karta hun krishna muje pyare lagte lekin fir mein kahi se ya mandir mein jata hun to lagta hai har bhagwan ko importance do aur ap muje mandir aur gar ki poja bidi bataye aur nakartmak vichar god ke parti na aaye" |
Posted By: vikaskrishnadas |
"वास्तु टिप्स बताएँ ? " |
Posted By: VAKEEL TAMRE |
""jai maa laxmiji"" |
Posted By: Tribhuwan Agrasen |
"यह बात बिल्कुल सत्य है कि जब तक हम अपने मन को निर्मल एवँ पबित्र नही करते तब तक कोई भी उपदेश ब्यर्थ है" |
Posted By: ओम प्रकाश तिवारी |
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