भारत के युवक के चारों तरफ सेक्स घूमता रहता है पूरे वक्त। और इस घूमने के कारण उसकी सारी शक्ति इसी में लीन और नष्ट हो जाती है। जब तक भारत के युवक की सेक्स के इस रोग से मुक्ति नहीं होती, तब तक भारत के युवक की प्रतिभा का जन्म नहीं हो सकता। प्रतिभा का जन्म तो उसी दिन होगा, जिस दिन इस देश में सेक्स की सहज स्वीकृति हो जायेगी। हम उसे जीवन के एक तथ्य की तरह अंगीकार कर लेंगे—प्रेम से, आनंद से—निंदा से नहीं। और निंदा और घृणा का कोई कारण भी नहीं है।
सेक्स जीवन का अद्भुत रहस्य है। वह जीवन की अद्भुत मिस्ट्रि है। उससे कोई घबरानें की,भागने की जरूरत नहीं है। जिस दिन हम इसे स्वीकार कर लेंगे, उस दिन इतनी बड़ी उर्जा मुक्त होगी भारत में कि हम न्यूटन पैदा कर सकेंगे,हम आइंस्टीन पैदा कर सकेंगे। उस दिन हम चाँद-तारों की यात्रा करेंगे। लेकिन अभी नहीं। अभी तो हमारे लड़कों को लड़कियों के स्कर्ट के आस पास परिभ्रमण करने से ही फुरसत नहीं है। चाँद तारों का परिभ्रमण कौन करेगा। लड़कियां चौबीस घंटे अपने कपड़ों को टाइट करने की कोशिश करें या कि चाँद तारों का विचार करें। यह नहीं हो सकता। यह सब सेक्सुअलिटी का रूप है।
हम शरीर को नंगा देखना और दिखाना चाहते है। इसलिए कपड़े टाइट होते चले जाते है। सौंदर्य की बात नहीं है यह, क्योंकि कई बार टाइट कपड़े शरीर को बहुत बेहूदा और भोंडा बना देते है। हां किसी शरीर पर टाइट कपड़े सुंदर भी हो सकते है। किसी शरीर पर ढीले कपड़े सुंदर हो सकते है। और ढीले कपड़े की शान ही और है। ढीले कपड़ों की गरिमा और है। ढीले कपड़ों की पवित्रता और है।
लेकिन वह हमारे ख्याल में नहीं आयेगा। हम समझेंगे यह फैशन है, यह कला है, अभिरूचि है, टेस्ट है। नहीं ‘’टेस्ट’’ नहीं है। अभीरूचि नहीं है। वह जो जिसको हम छिपा रहे है भीतर दूसरे रास्तों से प्रकट होने की कोशिश कर रहा है। लड़के लड़कियों का चककर काट रहे है। लड़कियां लड़कों के चककर काट रही है। तो चाँद तारों का चक्कर कौन काटेगा। कौन जायेगा वहां? और प्रोफेसर? वे बेचारे तो बीच में पहरेदार बने हुए खड़े है। ताकि लड़के लड़कियां एक दूसरे के चककर न काट सकें। कुछ और उनके पास काम है भी नहीं। जीवन के और सत्य की खोज में उन्हें इन बच्चों को नहीं लगाना है। बस, ये सेक्स से बचे जायें,इतना ही काम कर दें तो उन्हें लगता है कि उनका काम पूरा हो गया।
यह सब कैसा रोग है, यह कैसा डिसीज्ड माइंड, विकृत दिमाग है हमारा। हम सेक्स के तथ्यों की सीधी स्वीकृति के बिना इस रोग से मुक्त नहीं हो सकते। यह महान रोग है।
सेक्स सब कुछ नहीं है इस दुनिया में सत्य भी है। उसकी खोज कौन करेगा। यहीं जमीन से अटके अगर हम रह जायेंगे तो आकाश की खोज कौन करेगा। पृथ्वी के कंकड़ पत्थरों को हम खोजते रहेंगे तो चाँद तारों की तरफ आंखे उठायेगा कौन?
पता भी नहीं होगा उनको जिन्होंने पृथ्वी की ही तरफ आँख लगाकर जिंदगी गुजार दी। उन्हें पता नहीं चलेगा कि आकाश में तारे भी हैं, आकाश गंगा भी है। रात्रि के सन्नाटे में मौन सन्नाटा भी है आकाश का। बेचारे कंकड़ पत्थर बीनने वाले लोग, उन्हें पता भी कैसे चलेगा कि और आकाश भी है। और अगर कभी कोई कहेगा कि आकाश भी है, चमकते हुए तारे भी है। तो वे कहेंगे सब झूठी बातचीत है, कोरी कल्पना है। सच में तो केवल पत्थर ही पत्थर है। हां कहीं रंगीन पत्थर भी होते है। बस इतनी ही जिंदगी है।
अगर हम सेक्स से बंधे रह जाते है तो। और सेक्स से हम बंध गये है। क्योंकि हम सेक्स से लड़ रहे है। लड़ाई बाँध देती है। समझ मुक्त कर देती है। अंडरस्टैंडिंग चाहिए समझ चाहिए।
सेक्स के पूरे रहस्य को समझो बात करो विचार करो। मुल्क में हवा पैदा करो कि हम इसे छिपायेंगा नहीं। समझेंगे। अपने पिता से बात करो,अपनी मां से बात करो। वैसे वे बहुत घबराएंगे। अपने प्रोफेसर से बात करो। अपने कुलपति को पकड़ो और कहो कि हमें समझाओ। जिंदगी के सवाल है ये। वे भागेगे। वे डरे हुए लोग है। डरी हुई पीढ़ी से आयें है। उनको पता भी नहीं है। जिंदगी बदल गयी है। अब डर से काम नहीं चलेगा। जिंदगी का एनकाउंटर चाहिए या मुकाबला चाहिए। जिंदगी से लड़ने और समझने की तैयारी करो। मित्रों का सहयोग लो, शिक्षकों का सहयोग लो, मां-बाप का सहयोग लो।
वह मां गलत है, जो अपनी बेटी को और अपने बेटे को वे सारे राज नहीं बात जाती,जो उसने जाने। क्यूंकि उसके बताने से बेटा और उसकी बेटी भूलों से बच सकती है। उसके न बताने उनसे भी उन्हीं भूलों को दोहराने की संभावना है। जो उसने खुद की होगी। वो बाप गलत है, जो अपने बेटे को अपनी प्रेम की और अपनी सेक्स की जिंदगी की सारी बातें नहीं बता देता। क्योंकि बता देने से बेटा उन भूलों से बच जायेगा। शायद बेटा ज्यादा स्वस्थ हो सकेगा। लेकिन वही बाप इस तरह जीयेगा कि बेटे को पता चले कि उसने प्रेम ही नहीं किया। वह इस तरह खड़ा रहेगा। आंखे पत्थर की बनाकर कि उसकी जिंदगी में कभी कोई औरत इसे अच्छी लगी ही नहीं थी।
यह सब झूठ है। यह सरासर झूठ है। तुम्हारे बाप ने भी प्रेम किया है। उनके बाप ने भी प्रेम किया है। सब बाप प्रेम करते रहे है। लेकिन सब बाप धोखा देते रहे है। तुम भी प्रेम करोगे। और बाप बनकर धोखा दोगे। यह धोखे की दुनिया अच्छी नहीं है। दुनिया साफ सीधी होनी चाहिए। जो बाप ने अनुभव किया है वह बेटे को दे जाये। जो मां ने अनुभव किया, वह बेटी को दे जाये। जो ईर्ष्या उसने अनुभव की है। जो प्रेम के अनुभव किये है। जो गलतियां उसने की है। जिन गलत रास्तो पर वह भटकी है और घूमी है। उस सबकी कथा को अपनी बेटी को दे जाये। जो नहीं दे जाते है, वे बचने का हित नहीं करते है। अगर हम ऐसा कर सके तो दुनिया ज्यादा साफ होगी।
हम दूसरी चीजों के संबंध में साफ हो गये है। शायद केमेस्ट्री के संबंध में कोई बात जाननी हो तो सब साफ है। फ़िज़िक्स के संबंध में कोई बात जाननी है तो सब साफ है। भूगोल के बाबत जाननी हो तो सब साफ है। नक़्शे बने हुए है। लेकिन आदमी के बाबत साफ नहीं है। कहीं कोई नक्शा नहीं है। आदमी के बाबत सब झूठ है। दुनिया सब तरफ से विकसित हो रही है। सिर्फ आदमी विकसित नहीं हो रहा। आदमी के संबंध में भी जिस दिन चीजें साफ-साफ देखने की हिम्मत हम जुटा लेंगे। उस दिन आदमी का विकास निश्चित है।
Posted Comments |
" जीवन में उतारने वाली जानकारी देने के लिए धन्यवाद । कई लोग तो इस संबंध में कुछ जानते ही नहीं है । ऐसे लोगों के लिए यह अत्यन्त शिक्षा प्रद जानकारी है ।" |
Posted By: संतोष ठाकुर |
"om namh shivay..." |
Posted By: krishna |
"guruji mein shri balaji ki pooja karta hun krishna muje pyare lagte lekin fir mein kahi se ya mandir mein jata hun to lagta hai har bhagwan ko importance do aur ap muje mandir aur gar ki poja bidi bataye aur nakartmak vichar god ke parti na aaye" |
Posted By: vikaskrishnadas |
"वास्तु टिप्स बताएँ ? " |
Posted By: VAKEEL TAMRE |
""jai maa laxmiji"" |
Posted By: Tribhuwan Agrasen |
"यह बात बिल्कुल सत्य है कि जब तक हम अपने मन को निर्मल एवँ पबित्र नही करते तब तक कोई भी उपदेश ब्यर्थ है" |
Posted By: ओम प्रकाश तिवारी |
Vegetarian Recipes | |
» | Poda Pitha |
» | Coconut Rice |
» | MALAI KOFTA RECIPE |
» | Paneer Chilly Dosa |
» | Brazilian Black Bean Stew |
» | STUFFED TOMATO RECIPE |
» | LAUKI KE KOFTE RECIPE |
» | Doi Machch (Sea Food) |
More |
Upcoming Events | |
» | Vivah Panchami 2024, 6 December 2024, Friday |
» | Krishna Janmashtami 2025, 16 August 2025, Saturday |
» | Dhanteras 2025, 18 October 2025, Saturday |
More |
Feng Shui Protection | |
Feng Shui tips for Children | |
Facing and Sitting directions | |
View all |
नवग्रह शांति के सिद्ध सरल उपाय | |
Remedy for Safe Delivery | |
कर्ज से मुक्ति के लिए | |
फंसा हुआ धन वापिस लेने के लिए उपाय | |
शरीर के रोगो के लिए कुछ सामन्य उपाय | |
View all Remedies... |
Ganesha Prashnawali |
Ma Durga Prashnawali |
Ram Prashnawali |
Bhairav Prashnawali |
Hanuman Prashnawali |
SaiBaba Prashnawali |
|
|
Dream Analysis | |