चनैनी।शिवनगरीचनैनीऔर आसपास का इलाका भगवान शिव की लीलाओं का गवाह है। यहां प्राचीन मुक्तेश्वर मंदिर, सुद्धमहादेवका शूलपाणेश्वरमंदिर, विनिसंगमव मंदिर दौशालाके अलावा घाडियांखुर्द धनासक्षेत्र में बाबा बूढा केदार नाथ के रूप में भगवान शिव विराजमान हैं। माना जाता है कि भस्मासुर से बचने के लिए महादेव भगवान शिव ने यहां गुफामें शरण ली थी। गुफाके अंदर प्राकृतिक शिवलिंग,गणेश प्रतिमा के साथ मानव घुटने जैसे आकृति है। यहां बृहस्पतिवार को गुरुपूर्णिमा पर बूढा केदार नाथ शिवधाममें एक दिवसीय मेला आयोजित होगा। श्रद्धालु गुफाके अंदर भगवान शंकर के प्राकृतिक घुटने, शिवलिंगव गणेश प्रतिमा के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि गुफामें स्थित शिला रूपी घुटने जैसी आकृति भोले शंकर का घुटना है। यह भी मान्यता है, कि सुबह ब्रह्ममुहूर्त में सभी देवी-देवता यहां आकर शिव परिवार की स्तुति करते हैं। गुफाके बाहर विशाल शिला पर भगवान हनुमान और भैरो बाबा द्वारपालके रूप में विराजमान हैं। लोगों एवं मंदिर विकास कमेटी के सहयोग से गुफामें संगमरमर की शिव परिवार [शिव, पार्वती, गणेश] की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मंदिर के पुजारी तेजूमहंत ने बताया कि इसी गुफामें युगों-युगों तक तपस्या करने के बाद भगवान शिव अपने धाम चले गए थे। गुरु पूर्णिमा को यहां लगने वाले एक दिवसीय मेले में हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं और शिव स्तुति करते हैं। |