विंध्याचल[मीरजापुर]। नवरात्रके नौ दिनों में देवी भक्त मां के समक्ष चालीस लाख से अधिक नारियल की बलि देते हैं। सात्विक साधक गन्ना, नीबू को भी बलि दान के रूप में अर्पित करते हैं। विंध्याचलमें कोलकाता,केरल और आंध्र प्रदेश से नारियल मंगाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार कलियुग में गन्ना, नीबू और नारियल की सात्विक बलि दी जाती है। अन्य युगों में बलि की अत्यंत कठोर व्यवस्था थी लेकिन कलियुग में ऐसा नहीं है। अब देवी को प्रसन्न करने के लिए भक्त बलि के प्रतीक स्वरूप नारियल फोडते हैं। यह दीगर है कि इन दिनों प्रशासन ने मंदिर परिसर में नारियल तोडने पर रोक लगा दी है, लेकिन मां का नाम लेकर कहीं भी इसे फोडने पर समान पुण्य लाभ अर्जित होता है। उन्होंने बताया कि तांत्रिक साधक मदिरा, जबकि सात्विक शहद अर्पित कर देवी को प्रसन्न करते हैं। विंध्याचलमें नारियल के थोक विक्रेता गोविन्द जायसवाल, दीपक पाण्डेय, जय सिंह ने बताया कि कोलकाताके सोनपेटा,केरल, आंध्र प्रदेश से नवरात्रमें कई ट्रक नारियल मंगाया जाता है। नवरात्रके दिनों में अनुमानत:चालीस लाख से अधिक नारियल की बिक्री हो जाती है।