नगर के केन्द्र में स्थित इस मंदिर में 76 कदमों की चाल से पहुंचा जा सकता है। कहा जाता है कि हनुमान यहां एक गुफा में रहते थे और रामजन्मभूमि और रामकोट की रक्षा करते थे। मुख्य मंदिर में बाल हनुमान के साथ अंजनि की प्रतिमा है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस मंदिर में आने से उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।