शहर का प्रसिद्ध जगमोहनेश्वर मंदिर सवा सौ वर्ष से ज्यादा पुराना है। मंदिर का शिवलिंग स्फटिक की तरह चमकता है। भक्तों का मानना है कि शिव लिंग सुबह काले रंग का रहता है। दोपहर में सफेद रंग का हो जाता है जबकि शाम को यह भूरे रंग का दिखता है। मंदिर में तीन माह लगातार दर्शन करने से मनोकामना पूरी होती है।
चंदापुर परिवार के हर्षेद्र सिंह ने बताया कि उनके बाबा राजा जगमोहनेश्वर ने 1880 में मंदिर का निर्माण कराया था। शिवलिंग लाने के लिए जब वे नर्मदा नदी गए थे, तब कई दिन तक उनके हाथ में कोई शिवलिंग नही आया। दसवें दिन उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना करते हुए कहा कि आज शिवलिंग न मिला तो कभी लौट कर नही जाएंगे। उसी दिन जब वे नदी में गए तो डुबकी लगाने पर उनके हाथ में एक नहीं दो शिवलिंग आ गए। दोनों स्फटिक की तरह चमक रहे थे, एक की स्थापना शहर की चंदापुर कोठी में किया गया, जिसका नाम जगमोहनेश्वर पडा। दूसरे शिवलिंग की स्थापना काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर की गई थी।