Om gyaaninaamapi chetaamsi devi bhagwatee hi saa।
Balaadaakrishya mohaaye mahaamaaya Pryachchati॥
ओम ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा।
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति॥
अर्थ:
देवी भगवती इतनी शक्तिशाली हैं कि वे महान ज्ञानियों के चित्त को भी अपने बल से मोहित कर सकती हैं और उन्हें मोह में डाल देती हैं।
Durge smrutaa harasi bhitim ashesh-jantoh।
Swasthaih smrutaa-matimativa subhaam dadaasi।
Daaridraya-dukha-bhaya-haarini ka tvadanyaa।
Sarvopakaar – karanaaya sadaardra-chittaa॥
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः।
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्र्य-दुःख-भय-हारिणि का त्वदन्या।
सर्वोपकार-करणाय सदार्द्रचित्ता॥
अर्थ:
हे दुर्गे! जब तुम्हें संकट के समय स्मरण किया जाता है, तो तुम सभी प्राणियों के भय को हर लेती हो। और जब स्वस्थ मनुष्य तुम्हें स्मरण करते हैं, तो तुम उन्हें श्रेष्ठ बुद्धि और शुभ फल प्रदान करती हो।
Sarva mangala mangalye shive sarvaartha saadhike।
Sharanye trayambake gauri naraayani Namostute॥
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणी नमोऽस्तुते॥
अर्थ:
हे गौरी! आप सभी मंगलों की मंगल हैं, सब कार्यों को सिद्ध करने वाली हैं। हे त्रिनेत्रा! हे शरणागत की रक्षा करने वाली! आपको बार-बार प्रणाम।
Sharnagata-deenaarta-paritraana-paraayane।
Sarva-syaarti hare devi naaraayani namostute॥
शरणागत-दीनाक्लिष्ट-परित्राण-परायणे।
सर्वस्यार्तिहरि देवी नारायणी नमोऽस्तुते॥
अर्थ:
जो शरण में आए हुए दुःखी प्राणियों की रक्षा करती हैं और सभी कष्टों का नाश करती हैं, ऐसी देवी नारायणी को प्रणाम।
Sarva swaroope sarveshe sarva shakti samanvite।
Bhaye-bhyas-trahi no devi durge devi namostute॥
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते॥
अर्थ:
हे देवी दुर्गे! आप सभी स्वरूपों की स्वामिनी और समस्त शक्तियों से युक्त हैं। हमें सभी प्रकार के भय से बचाएं।
Rogana sheshana pahamsi tushta rushta tu।
Kaman sakalanabhishtan tvama-ashritanaam na vipanna-ranam॥
Tvamaashrita hrya-ashrayatam pryanti॥
रोगान् शेषानपहंसि तुष्टा रूष्टा तु।
कामान् सकलानभिष्टान् त्वमाश्रितानां न विपन्नराणाम्।
त्वमाश्रिता ह्र्या-आश्रयतां प्रयान्ति॥
अर्थ:
जब तुम प्रसन्न होती हो तो रोगों का नाश कर देती हो, और क्रोधित होने पर सब इच्छाओं को नष्ट कर देती हो। जो तुम्हारा आश्रय लेते हैं, वे विपत्ति में नहीं पड़ते।
Sarva badha prashamanam trailokyasya-akhileshwari।
Avameva tvaya karya-masma-dwairi-vinashanam॥
सर्व बाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरि विनाशनम्॥
अर्थ:
हे अखिल ब्रह्मांड की स्वामिनी! आप तीनों लोकों की बाधाओं को समाप्त करती हैं। इसी प्रकार, हमारे शत्रुओं का विनाश करना आपका कर्तव्य है।
Om satee saadvee bhavapreetaa bhavaanee bhavamochanee।
Aaryaa durgaa jayaa chaadyaa trinetraa shooladhaarinee॥
ॐ सती साध्वी भवप्रीता भवानी भवमोचनी।
आर्या दुर्गा जया चाद्या त्रिनेत्रा शूलधारिणी॥
अर्थ:
हे सती! आप साध्वी, भगवान शिव की प्रिय, भवानी और संसार के बंधनों से मुक्त करने वाली हैं। आप दुर्गा, जया, आदि शक्ति और त्रिनेत्रा (तीन आंखों वाली) हैं, जो त्रिशूल धारण करती हैं।
Pinaaka-dhaarinee chitraa chandaghantaa mahaatapaah।
Mano buddhir-ahamkaaraa chittarupaa chitaa chitih॥
पिनाकधारिणी चित्रा चन्द्रघण्टा महातपाः।
मनो बुद्धिरहंकारा चित्तरूपा चिता चितिः॥
अर्थ:
आप पिनाक (धनुष) धारण करने वाली, दिव्य चंद्रघंटा, महान तपस्विनी हैं। आप मन, बुद्धि, अहंकार और चित्त के रूप में विद्यमान हैं।
Sarva-mantra-mayee sattaa satyaananda swarupinee।
Anantaa bhaavinee bhaavya bhavya-abhavyaa sadaagatih॥
सर्वमन्त्र मयी सत्ता सत्यानन्द स्वरूपिणी।
अनन्ता भाविनी भाव्या भव्याभव्या सदा गतिः॥
अर्थ:
आप सभी मंत्रों की शक्ति, सच्चे आनंद का स्वरूप, अनंत और भावनाओं की उत्पत्ति करने वाली हैं। आप भव (जगत) और अभव (मोक्ष) दोनों में विद्यमान हैं।
Shaambhavee devamaataa cha chintaa ratnaapriyaa sadaa।
Sarvavidyaa dakshakanyaa daksha-yagna-vinaashinee॥
शाम्भवी देवमाता च चिन्ता रत्नाप्रिया सदा।
सर्वविद्या दक्षकन्या दक्षयज्ञविनाशिनी॥
अर्थ:
आप शंभु (शिव) की शक्ति, देवताओं की माता, चिंतारत्न को प्रिय, सभी विद्याओं की स्वामिनी हैं। आप दक्ष प्रजापति की पुत्री और दक्ष यज्ञ का विनाश करने वाली हैं।
Aparnaa-neka-varnaa chpaatala patalavatee।
Pattaambara-pareedhaanaa kala-manjeera-ranjeenee॥
अपरणा एका वर्णा च पाटल पटलवती।
पट्टाम्बर परिधान कलामञ्जीर रञ्जिनी॥
अर्थ:
आप अपरणा, अनेक रूपों वाली, गुलाबी आभा से युक्त और सुंदर वस्त्र धारण करने वाली हैं। आपकी कलात्मक पायलें मनमोहक ध्वनि उत्पन्न करती हैं।
Ameya-vikrama krura sundari sur-sundari।
Vanadurgaa cha maatangee matanga-muni pujitaa॥
अमेय विक्रमा क्रूरा सुन्दरी सुरसुन्दरी।
वनदुर्गा च मातंगी मातंगमुनिपूजिता॥
अर्थ:
आपकी शक्ति असीमित और विक्रम अपरिमेय है। आप सुंदर और देवताओं की भी सबसे सुंदर देवी हैं। आप वनदुर्गा (वनों की रक्षक) और मातंगी (ज्ञान की देवी) हैं, जिन्हें मातंग मुनि ने पूजा है।
Braahmee maaheshvaree chaindree kaumaaree vaishnavee tathaa।
Chaamundaa chaiva vaaraahee lakshmishcha pursha-akritih॥
ब्रह्मी माहेश्वरी च ऐन्द्री कौमारी वैष्णवी तथा।
चामुण्डा चैव वाराही लक्ष्मीश्च पुरुषाकृति॥
अर्थ:
आप ब्रह्मी (ब्रह्मा की शक्ति), माहेश्वरी (महादेव की शक्ति), ऐन्द्री (इंद्र की शक्ति), कौमारी (कार्तिकेय की शक्ति), और वैष्णवी (विष्णु की शक्ति) हैं। आप चामुंडा, वाराही (वराह अवतार की शक्ति) और पुरुषाकृति (मर्दानी रूप वाली) भी हैं।
Vimlot-karshinee gyaanaa kriya nitya cha buddhida।
Bahulaa bahula-premaa sarva vahana-vaahana॥
विमलोद्कर्षिणी ज्ञान क्रिया नित्या च बुद्धिदा।
बहुला बहुलप्रेमा सर्ववाहनवाहना॥
अर्थ:
आप ज्ञान और क्रिया की मूल हैं। आप शुद्धता और उन्नति की प्रतीक, सदा विद्यमान और बुद्धि प्रदान करने वाली हैं। आप प्रेममयी और सभी वाहनों की सवारी करने वाली देवी हैं।
Nishumbha-shumbha-hananee mahisha-surmardinee।
Madhukaitabha-hantree chchanda-munda-vinashinee॥
निशुंभशुंभहननी महिषासुरमर्दिनी।
मधुकैटभहंत्री च चंडमुण्डविनाशिनी॥
अर्थ:
आप निशुंभ और शुंभ दैत्यों का संहार करने वाली, महिषासुर का विनाश करने वाली हैं। आप मधु और कैटभ नामक असुरों का अंत करने वाली और चंड-मुंड का नाश करने वाली हैं।
Sarvaasura-vinasha ch sarvadaanava-ghatinee।
Sarva-shaastra-mayee satya sarvaastra-dharinee tatha॥
सर्वासुरविनाश च सर्वदानवघातिनी।
सर्वशास्त्रमयी सत्य सर्वास्त्रधारिणी तथा॥
अर्थ:
आप सभी असुरों का विनाश करने वाली और दानवों को समाप्त करने वाली हैं। आप समस्त शास्त्रों की ज्ञाता, सत्य स्वरूप और सभी अस्त्र-शस्त्रों को धारण करने वाली हैं।
Aneka-shastra-hasta ch aneka-astrashya dharinee।
Kumaaree chaikakanya ch kaishoree yuvati yatih॥
अनेकशस्त्रहस्ता च अनेकास्त्रस्य धारिणी।
कुमारी चैककन्या च कैशोरी युवती यतिः॥
अर्थ:
आप अनेक शस्त्र और अस्त्र धारण करने वाली हैं। आप कुमारी, एक कन्या, किशोरी, युवती और तपस्विनी के रूपों में प्रकट होती हैं।
Aprouda chaiva proud ach vrudhamata balaprada।
Mahodaree muktakeshee ghorarupa mahabala॥
अप्रौढ़ चैव प्रौढ़ा च वृद्धमाता बलप्रदा।
महोदरी मुक्तकेशी घोररूपा महाबला॥
अर्थ:
आप अप्रौढ़ (किशोरी), प्रौढ़ा (युवती), वृद्धमाता (वृद्धावस्था की मां) और बल प्रदान करने वाली हैं। आप महोदरी (विशाल पेट वाली), मुक्तकेशी (खुले बालों वाली), घोर रूप वाली और अत्यधिक शक्तिशाली हैं।
Agni-jwaala raudra-mukhee kala-ratris-tapasvinee।
Narayanee bhadra-kaalee Vishnu-mayaa jalodharee॥
अग्निज्वाला रौद्रमुखी कालरात्रिस्तपस्विनी।
नारायणी भद्रकाली विष्णुमाया जलोधरी॥
अर्थ:
आप अग्नि की ज्वाला जैसी तेजस्वी, रौद्रमुखी (क्रोधपूर्ण मुख वाली), कालरात्रि (समाप्ति की देवी), और तपस्विनी हैं। आप नारायणी, भद्रकाली, विष्णु की माया और जल में स्थित संसार को संभालने वाली हैं।
Shivadootee karalee ch ananta parmeshwaree।
Kaatyayanee ch savitree pratyaksha brahma-vadinee॥
शिवदूती कराली च अनंता परमेश्वरी।
कात्यायनी च सावित्री प्रत्यक्ष ब्रह्मवादिनी॥
अर्थ:
आप शिवदूती (शिव का संदेशवाहक रूप), कराली (भयानक रूप), अनंता (असीम), परमेश्वरी (सर्वोच्च देवी) हैं। आप कात्यायनी, सावित्री और प्रत्यक्ष ब्रह्म को प्रकट करने वाली हैं।
Om jayantee mangala kalee bhadrakalee kapalinee।
Durga kshma shiva dhatree svahaa svadha namostute॥
ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥
अर्थ:
आप जयन्ती (विजयी), मंगला (कल्याणकारी), काली, भद्रकाली, कपालिनी (कपाल धारण करने वाली) हैं। आप दुर्गा, क्षमा (क्षमा करने वाली), शिवा (शुभकारी), धात्री (पालन करने वाली), स्वाहा और स्वधा हैं। आपको हमारा नमन।
Namo devyai mahaadevyai shivaayai satatam namah।
Namah prakrutyai bhadraayai niyataah pranataah sma taam॥
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।
नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्म ताम्॥
अर्थ:
हम देवी, महादेवी, और सदा कल्याणकारी शिवा को नमन करते हैं। हम प्रकृति रूपी भद्रायै (मंगलमयी) देवी को समर्पित होकर प्रणाम करते हैं।
Raudrayai namo nityayai gauryai dhatryai namo namah।
Jyotsnayai chendu-rupinyai sukhayai satatam namah॥
रौद्रायै नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नमः।
ज्योत्स्नायै चेंदुरूपिण्यै सुखायै सततं नमः॥
अर्थ:
हम रौद्री (क्रोधमयी), नित्य (सदैव उपस्थित), गौरी, धात्री (पालक) को नमन करते हैं। आप ज्योत्स्ना (चंद्रमा के प्रकाश), चंद्र रूपी और सुखदायी हैं।
Kalyanyai pranatam vruddhyai siddhayai kurmo namo namah।
Nainrityai bhubhrutaam lakshmyai sharvanyai te namo namah॥
कल्याण्यै प्रणतां वृद्ध्यै सिद्ध्यै कुर्मो नमो नमः।
नैऋत्यै भुभृतां लक्ष्म्यै शर्वण्यै ते नमो नमः॥
हम कल्याण (मंगलकारी), वृद्धि (उन्नति), सिद्धि (सफलता) देने वाली देवी को प्रणाम करते हैं। आप नैऋत्य (दिशा की रक्षक), पृथ्वी का भार संभालने वाली लक्ष्मी और शर्वाणी हैं।
Durgayai durga-parayai saarayai sarvkarinyai।
Khyatyai tathaiva krushnayai dhoomrayai satatam namah॥
दुर्गायै दुर्गापरायै सारायै सर्वकारिण्यै।
ख्यात्यै तथैव कृष्णायै धूम्रायै सततं नमः॥
अर्थ:
हम दुर्गा (संकटों को हरने वाली), दुर्गापरा (दुर्गा के परे), सारा (सारभूत), सर्वकारिणी (सभी कार्य करने वाली) देवी को नमन करते हैं। आप ख्याति (प्रसिद्धि), कृष्णा (गहरे रंग वाली) और धूम्रा (धुएं के समान) हैं।
Ati-saumya-ati-raudrayai natastasyai namo namah।
Namo jagat-pratishthayai devyai krutyai namo namah॥
अति-सौम्या अति-रौद्रायै नतस्तस्यै नमो नमः।
नमो जगत्प्रतिष्ठायै देव्यै कृत्यै नमो नमः॥
अर्थ:
हम अति-सौम्या (अत्यंत शांत) और अति-रौद्री (अत्यधिक उग्र) देवी को बारंबार नमन करते हैं। आप जगत की प्रतिष्ठा (आधार) और कृत्य (कर्तव्य) की देवी हैं।
Yaa devee sarva-bhooteshu Vishnu mayeti shabdita।
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में विष्णु माया के रूप में विद्यमान हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Yaa devi-sarva bhooteshu cheta-netya-bhidheeyate।
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में चेतना के रूप में जानी जाती हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Yaa devi sarva bhooteshu buddhi-rupena sansthita।
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Yaa devi sarva bhootashu nidra-rupena samsthita।
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में निद्रा (नींद) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Yaa devi sarva bhooteshu kshoodha-rupena samsthita।
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में भूख के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu cchaayaa-rupena samsthita।
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु छायरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में छाया (परछाई) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
अर्थ:
हम कल्याण (मंगलकारी), वृद्धि (उन्नति), सिद्धि (सफलता) देने वाली देवी को प्रणाम करते हैं। आप नैऋत्य (दिशा की रक्षक), पृथ्वी का भार संभालने वाली लक्ष्मी और शर्वाणी हैं।
Ya devi sarva bhooteshu shakti-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में शक्ति के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu trushnaa-rupena samsthitaa
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में तृष्णा (लालसा) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu shaanti-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में शांति के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu jaati-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में जाति के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu lajjaa-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में लज्जा के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu shaanti-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में शांति के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu shraddha-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में श्रद्धा के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu Kaanti-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में कान्ति (रूप, सुंदरता) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu laxmee-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में लक्ष्मी (समृद्धि) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu vrutti-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में वृत्ति (स्वभाव) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu smruti-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में स्मृति (याद) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu dayaa-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में दया (करुणा) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu tushti-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में तुष्टि (संतोष) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu maatru-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में माता (माँ) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Ya devi sarva bhooteshu bhraanti-rupena samsthita
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
या देवी सर्वभूतेषु भ्रांतिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी प्राणियों में भ्रम (माया) के रूप में स्थित हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Indriyanaam-adhishthatree bhootanaam chakhileshu ya
Bhuteshu satatam tasyai vyaapti-devyai namo namah॥
इन्द्रियाणामधिष्ठात्रि भूतानां चाखिलेषु या
भूतेषु सततं तस्यै व्याप्ती-देव्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी इन्द्रियों की अधिष्ठात्री (पालक) और सभी प्राणियों में व्याप्त हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Chiti-rupena ya krutsnam-etad vayapya sthita jagat
Namas-tasyai namas-tasyai namas-tasyai namo namah॥
चिति-रूपेण या कृत्स्नमेतद्वयाप्य स्थिता जगत।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थ:
जो देवी सभी संसार में चिति (चेतना) के रूप में व्याप्त हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Durga durgati-shamanee durga-padvi-nivarinee
Durga-macchedinee durga-sadhinee durga-nashinee॥
दुर्गा दुर्गति-शमनी दुर्ग-पद्वी-निवारिणी
दुर्ग-मच्छेदिनी दुर्ग-साधिनी दुर्ग-नाशिनी॥
अर्थ:
जो देवी दुर्गति (कठिन स्थिति) को दूर करने वाली, दुर्ग पदवी (सिद्धि) को प्रदान करने वाली, दुर्गम कार्यों को नष्ट करने वाली और दुर्ग (कठिन) को समाप्त करने वाली हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Durgato-dharinee durga-nihantree durga mapahaa
Durgama-gnanada durga-daityaloka-davanalaa॥
दुर्गतो-धारिणी दुर्ग-निहन्त्रे दुर्ग-मापहा
दुर्ग-मज्ञानदा दुर्ग-दैत्यलोक-दावनाला॥
अर्थ:
जो देवी दुर्गति (कठिनाइयाँ) को सहन करने वाली, दुर्ग (कठिनाई) को नष्ट करने वाली, असत्य और अज्ञान को नष्ट करने वाली, और असुरों के स्थान को जलाने वाली हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Durgama durgama-loka durgama-atma-swarupinee
Durga-marga-prada durgama-vidyaa durgama-aashrita॥
दुर्गम दुर्गम-लोक दुर्गम-आत्म-स्वरूपिणी
दुर्ग-मार्ग-प्रदा दुर्ग-मविद्या दुर्ग-आश्रिता॥
अर्थ:
जो देवी दुर्गम (कठिन) लोकों में स्थित हैं, दुर्गम आत्मा के रूप में प्रकट होती हैं, दुर्गम मार्ग (धार्मिक मार्ग) का प्रकाश देने वाली, और कठिन ज्ञान की स्रोत हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Durgamgnana-sansthanaa durgamdhyana-bhasinee
Durga-moha durgamaga durgamartha-swarupinee॥
दुर्गमज्ञान-संस्थाना दुर्गध्यान-भासिनी
दुर्ग-मोहन दुर्गमग दुर्गामर्थ-स्वरूपिणी॥
अर्थ:
जो देवी दुर्गम ज्ञान की संस्थान (जगह) हैं, दुर्गम ध्यान की प्रकाशक हैं, और जो देवी मोह (आलस्य) और दुर्गम कार्यों (कठिन कार्यों) को नष्ट करने वाली हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Durgamasura-sanhantree durgmayudha-dharinee
Durgamangi durgamata durgamya durgameshwaree॥
दुर्गमासुर-संहन्त्री दुर्गमयुद्ध-धारिणी
दुर्गमंगी दुर्गमाता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी॥
अर्थ:
जो देवी दुर्गम असुरों का संहार करने वाली, कठिन युद्धों को जीतने वाली, और दुर्गम कार्यों में मातृ स्वरूप रखती हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Durgabheema durgabhama durgabha durgadarinee॥
दुर्गभीमा दुर्गाभमा दुर्गाभ दुर्गदारिणी॥
अर्थ:
जो देवी दुर्गम भय (भीमा) को समाप्त करने वाली, दुर्गम कार्यों (कठिनाई) से घिरी हुई और दुर्गम कार्यों को सहन करने वाली हैं, उन्हें हमारा बारंबार नमन।
Posted Comments |
" जीवन में उतारने वाली जानकारी देने के लिए धन्यवाद । कई लोग तो इस संबंध में कुछ जानते ही नहीं है । ऐसे लोगों के लिए यह अत्यन्त शिक्षा प्रद जानकारी है ।" |
Posted By: संतोष ठाकुर |
"om namh shivay..." |
Posted By: krishna |
"guruji mein shri balaji ki pooja karta hun krishna muje pyare lagte lekin fir mein kahi se ya mandir mein jata hun to lagta hai har bhagwan ko importance do aur ap muje mandir aur gar ki poja bidi bataye aur nakartmak vichar god ke parti na aaye" |
Posted By: vikaskrishnadas |
"वास्तु टिप्स बताएँ ? " |
Posted By: VAKEEL TAMRE |
""jai maa laxmiji"" |
Posted By: Tribhuwan Agrasen |
"यह बात बिल्कुल सत्य है कि जब तक हम अपने मन को निर्मल एवँ पबित्र नही करते तब तक कोई भी उपदेश ब्यर्थ है" |
Posted By: ओम प्रकाश तिवारी |
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