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अपने कर्मों से मिलती हैं प्रसिद्घि

 

वर्तमान में लोग भौतिक सुख-सुविधाओं के लिए ग्रह और राशि के चक्कर में पड़े हैं यह गलत है। मनुष्य को अच्छी सोच के साथ अच्छे कार्य करते रहना चाहिए। उसके परिणाम सफल और सुखद होंगे। तुम्हारे द्वारा किए गए कर्म ही तुम्हारे अपने हैं।

 भगवान राम और रावण, कृष्ण और कंस, अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा और ओसामा की एक ही राशि है परंतु कोई पूजे जा रहे हैं और कोई अंत की गर्त में चले गए। इनकी प्रसिद्घि और दुर्गति का कारण स्वयं के द्वारा किए गए कर्म ही है। 

संसार में पुरुषार्थ के लिए सब कुछ कर रहे हैं और आत्मा के पुरुषार्थ के लिए हम कुछ नहीं करते। शरीर के अंदर आत्म तत्व ही सत्य शिव और सुंदर है। यदि शरीर सत्य होता है तो वह हमेशा आपके पास रहता। 

जो हाथ दूसरों के हाथों में मेहंदी लगाते हैं उनके हाथ स्वयं रच जाते हैं। इसलिए मनुष्य को अच्छी सोच के साथ अच्छे कार्य करते रहना चाहिए। उसके परिणाम सफल और सुखद होंगे। 

जैसे सूर्य से उसकी ऊष्मा को अलग नहीं किया जा सकता, वैसे ही विश्वास से आचरण को अलग नहीं किया जा सकता।

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