अपने भक्तों की रक्षा करते हैं भगवान
भगवान को अपने भक्त प्यारे हैं। शरणागत को कोई भी दुख, संताप हो भगवान उसे मझवारमें नही छोडते बल्कि उसके सभी दुखों का हरण कर लेते हैं। यही भगवद्कृपा है, जिसे प्राप्त करने की लालसा हर किसी में रहती है।
मनुष्य का सबसे बडा शत्रु काम है। इससे बचने का उपाय प्रभु श्रीराम के शरण में आना ही है। शरणागत होने का लाभ है कि साधक से कोई चूक भी हो जाए तो उसे दोष नही लगता, क्योंकि उसका सारा उत्तरदायित्व भगवान का हो जाता है।