उज्जैन महाकालेश्वर भगवान शिव की नगरी है, यह महान मंदिर छिप्रा नदी के निकट बना हुआ है, यहाँ पर वैसे तो आने भर से सब संकट समाप्त हो जाते है, फिर भी अगर आप भस्म आरती में जाकर भगवान शिव लिंग को स्पर्श करने का सौभाग्य प्राप्त कर पाए तो उसका विशेष लाभ होगा, किन्तु प्रातः कालीन होने वाली भस्म आरती के कुछ विशेष नियम है, जो की आपके लिए जान लेना बहुत जरुरी है :
भष्म आरती के नियम और विधियां
· भष्म आरती में कुछ निश्चित लोगो को ही अनुमति प्रदान की जाती है, वर्तमान में इसकी बुकिंग ऑनलाइन होती है, इसके लिए आप घर वैठे आधिकारिक वेबसाइट से बुकिंग करवा सकते है,
· बुकिंग करते समय आपको अपना फोटो और पहचान पत्र देना अनिवार्य है और इसे ही लेकर जाना होगा
· आपको इसके लिए प्रातः २ बने से लाइन लगनी शुरू हो जाती है, जितना पहले जायेगे उतना जल्दी दर्शन हो जायेगा
· भष्म आरती में जाने के लिए सुबह जाग कर स्नान करके पहुंचना होगा
· महिलाये सिर्फ साड़ी और पुरुष सिर्फ धोती में भी प्रवेश कर सकते है, भले ही आप स्वेटर इत्यादि ठंड से बचने के लिए ले जाए, लेकिन उनको गर्भगृह में जाने से पहले छोड़ना होगा, जो आप बाद में ले सकते है,
· कोशिश करिये की अपने साथ छोटे बच्चे न ले जाए, और अगर ले जाए तो पर्याप्त जन जाए, जिससे जब एक सदस्य गर्भगृह में जाए तो बच्चो को कोई अपने पास संभाल सके
· शिव लिंग पर जल चढाने के लिए पात्र अर्थात लौटा अवश्य ले जाए, जिसमे आपको मंदिर के अंदर से जल भरना होगा.
· जलाभिषेक के बाद भगवान का शृंगार होता है जिसमे आप शांति से बैठे रहे
· इसके बाद भष्म आरती होती है जो की अंतिम जली हुयी चिता की भष्म से होती है