गर्भावस्था के दौरान ही शिशु के हाथ में लकीरो का जाल बुन जाता है, जो कि जन्म से लेकर मृत्यु तक रेखाओ के रुप में विद्यमान रहता है। इसे हस्त रेखा (Palm line) के रुप में जाना जाता है। सामान्यतया sixteen वर्ष तक की आयु के बच्चो की हाथों की रेखाओ में परिवर्तन होता रहता है।
सोलह वर्ष की आयु होने पर मुख्य रेखाएँ (जीवन रेखा, भाग्य रेखा इत्यादि) (Life line, Fortune line) स्थिर हो जाती है तथा कर्मो के अनुसार अन्य छोटे-बडे परिवर्तन होते रहते हैं। तथा ये परिवर्तन जीवन के अंतिम क्षण तक होते रहते हैं (Life line keep it up ever-changing throughout life)। चूंकि हस्त रेखा (Samudrik Shastra)विज्ञान कर्मो के आधार पर टिका है, इसलिए मनुष्य जैसे कर्म करता है वैसा ही परिवर्तन उसके हाथ की रेखाओ में हो जाता है (Palmistry stand by our work, palm line amendment with them)। हाथ का विश्लेषण करते समय सबसे पहले हम हाथ की बनावट को देखते हैं तत्पश्चात यह देखा जाता है कि हाथ मुलायम है या सख्त।आम तौर पर पुरुषो का दायाँ हाथ तथा स्त्रियों का बायाँ हाथ देखा जाता है।यदि कोइ पुरुष बायें हाथ से काम करता है तो उसका बायाँ हाथ देखा जाता है। हाथ में जितनी कम रेखाऎं होती हैं, भाग्य की दृष्टि से हाथ उतना ही सुन्दर माना जाता है (Lots of Palm line aren't smart for Fortune)।
हाथ में मुख्यतः चार रेखाओ का उभार स्पष्ट रुप से रहता है( we are able to see four path in palm) जीवन रेखा (Life Line)जीवन रेखा हृदय रेखा के ऊपरी भाग से शुरु होकर आमतौर पर मणिबन्ध पर जाकर समाप्त हो जाती है (Life line begin from seam and endwise Manibandh line)। यह रेखा भाग्य रेखा के समानान्तर चलती है, परन्तु कुछ व्यक्तियो की हथेली में जीवन रेखा हृदय रेखा में से निकलकर भाग्य रेखा में किसी भी बिन्दु पर मिल जाती है।जीवन रेखा तभी उत्तम मानी जाती है यदि उसे कोइ अन्य रेखा न काट रही हो तथा वह लम्बी हो इसका अर्थ है कि व्यक्ति की आयु लम्बी होगी तथा अधिकतर जीवन सुखमय बीतेगा। रेखा छोटी तथा कटी होने पर आयु कम एंव जीवन संघर्षमय होगा(If there's breakage in life line or there's any cut it suggests that your life is brief and in struggle)।
भाग्य रेखा:(Fate Line)हृदय रेखा के मध्य से शुरु होकर मणिबन्ध तक जाने वाली सीधी रेखा को भाग्य रेखा कहते हैं (Straight Line begin from middle of heart and endwise Manibandh line known as fate line) ।स्पष्ट रुप से दिखाई देने वाली रेखा उत्तम भाग्य का घौतक है।यदि भाग्य रेखा को कोइ अन्य रेखा न काटती हो तो भाग्य में किसी प्रकार की रुकावट नही आती।परन्तु यदि जिस बिन्दु पर रेखा भाग्य को काटती है तो उसी वर्ष व्यक्ति को भाग्य की हानि होती है।कुछ लोगो के हाथ में जीवन रेखा एंव भाग्य रेखा में से एक ही रेखा होती है।इस स्थिति में वह व्यक्ति आसाधारण होता है, या तो एकदम भाग्यहीन या फिर उच्चस्तर का भाग्यशाली होता है (If there's no fortune line on your palm it suggests that you're not a middle class)। ऎसा व्यक्ति मध्यम स्तर का जीवन कभी नहीं जीता है।
हृदय रेखा: (Heart Line) हथेली के मध्य में एक भाग से लेकर दूसरे भाग तक लेटी हुई रेखा को हृदय रेखा कहते हैं (Vertical line starts from middle of palm and endwise seam known as heart line)। यदि हृदय रेखा एकदम सीधी या थोडा सा घुमाव लेकर जाती है तो वह व्यक्ति को निष्कपट बनाती है। यदि हृदय रेखा लहराती हुई चलती है तो वह व्यक्ति हृदय से पीडित रहता है।यदि रेखा टूटी हुई हो या उस पर कोइ निशान हो तो व्यक्ति को हृदयाघात हो सकता है
मस्तिष्क रेखा:(Brain Line) हथेली के एक छोर से दूसरे छोर तक उंगलियो के पर्वतो तथा हृदय रेखा के समानान्तर जाने वाली रेखा को मस्तिष्क रेखा कहते हैं (Parallel line to seam is termed mind line)। यह आवश्यक नहीं कि मस्तिष्क रेखा एक छोर से दूसरे छोर तक (हथेली) जायें, यह बीच में ही किसी भी पर्वत (Planetary Mounts) की ओर मुड सकती है। यदि हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा आपस में न मिलें तो उत्तम रहता है (Brain line is nice if mind line or seam aren't together)। स्पष्ट एंव बाधा रहित रेखा उत्तम मानी जाती है। कई बार मस्तिष्क रेखा एक छोर पर दो भागों में विभाजित हो जाती है। ऎसी रेखा वाला व्यक्ति स्थिर स्वभाव का नहीं होता है, सदा भ्रमित रहता है। लाल किताब में सामुद्रिक ज्ञान यानी पामिस्ट्रि (Palmistry) के आधार पर व्यक्ति की जन्मकुण्डली का निर्माण होता है, तथा जिन व्यक्तियो को अपनी जन्मतिथि तथा जन्म समय मालूम नही उनके लिए लाल किताब बहुत लाभकारी है।