सच्ची श्रद्धा के माध्यम से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। ईश्वर को पाने के लिए क िन परिश्रम की आवश्यकता होती है। ईश्वर तो हर वक्त भक्त की तलाश में रहते हैं, लेकिन भक्त का अपने दृढ पर अडे रहना ही ईश्वर के मार्ग को प्रशस्त करता है।
ईश्वर को पाने के लिए सांसारिक सुखोंके त्याग की भावना होना आवश्यक है। इसलिए अगर ईश्वर की प्राप्ति चाहते हैं तो किसी भी प्रकार का सांसारिक मोह नहीं रखना चाहिए।
ईश्वर दानी प्रवृत्ति के इंसान के हमेशा करीब रहता है। सभी को यह निश्चित करना चाहिए कि वह भगवान की भक्ति के लिए समय अवश्य निकालें।