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पत्नी वही जो पतन से बचाए

 

 पत्नी वही है जो पतन से बचाए। यदि वह मार्ग से भटकाती है तो इसका सीधा अर्थ है कि वह अपने कर्तव्य से विमुख हो रही है। आजकल लोगों ने मंदिर को दुकान बना दिया है, बेहतर होता कि दुकान को मंदिर बनाया जाता। धर्म बढने पर अनासक्ति बढे तो ीक लेकिन आसक्ति बढ जाए तो मोक्ष प्राप्ति में बाधक हो जाती है।

मन या इंद्रियों की एकाग्रता को बंद कमरे या जंगल की बजाय एक जगह स्थिर करना जरूरी है। मन और इंद्रियों को नियंत्रित नहीं कर सके तो भगवान से तार जोडना निष्फल हो जाएगा। मनुष्य दुनिया को जान लेने का दावा करता है लेकिन आजीवन खुद को पहचान नहीं पाता है।

 

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