Home » Article Collection » पवित्र मन को ही मिलते हैं राम

पवित्र मन को ही मिलते हैं राम

 

 स्वामी विवेकानंद आश्रम में प्रवचन के दौरान विभूति माता ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन और आदर्शो पर चर्चा के साथ ही युवाओं को उनके जीवन से सीख लेने की नसीहत दी गई है। मुख्य अतिथि विभूति माता ने कहा कि भगवान राम ने राजकुल में जन्म लेकर भी अनेकानेक कष्ट सहे। उन्होंने सामाजिक मर्यादाओं का पालन किया। भगवान शिव से श्रीराम का अनुराग जगत विदित है। श्रीराम ने जीवन के सभी कार्य भगवान शिव की आज्ञा से किए। हमें यह ध्यान रखना होगा कि यदि श्रीराम की कृपा प्राप्त करनी है तो अपना मन पवित्र रखना होगा। क्योंकि पवित्र मन में ही ईश्‌र्र्वर का वास होता है।

रामचरित मानस हिन्दुओं के लिए ही नहीं हर व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक ग्रंथ है। इसकी हर चौपाई हमें जीवन की सच्चाई से साक्षात्कार करवाती है।

Copyright © MyGuru.in. All Rights Reserved.
Site By rpgwebsolutions.com