गुरुड़ पुराण के अनुसार जैसा आप कर्म करोगे उसके अनुसार आपको जन्म मिलेगा ।
गौ हत्या - कुबड़ा
स्त्री हत्या, पेट गिराना - बीमारीओं से लिप्त
अवैध सम्बन्ध - हिजड़ा
दूसरो को दिए बिना मिठाई खाना-सूजी गर्दन
श्राद्ध में अशुद्ध पकवान - फ्लेहरी
वेद, शास्त्रों का विरोध - पीलिया
पुस्तक चुराना - अँधा
ब्राह्मिन/गौ को पैर मारना - लंगड़ा
झूठ बोलना - हकलाना
जहर देना - पागल
खाना चुराना - चूहा
सब्जी चुराना - मोर
धातु चुराना - गरीबी
नमक चुराना - चींटी
फल, फूल, पान चुराना - जंगली बंदर
जूते, कपास चुराना - भेद / बकरी
शिकार करना - कसाई के घर बकरी
ज़हर पान करके मृत्यु - काला नाग
बगल में छुरी, मुंह में राम राम ब्राह्मिन - सारस
मित्र को धोखा - गिद्ध
बिक्री में धोखा - उल्लू
माता /पिता से झगडा - पेट में ही मर जाना
स्त्री जो सास/ सुसर को गाली दे - जोंक
पति को बुरा -भला कहना - जू धोके से ब्राह्मिन की संपत्ति, हडपना -- सात पीढयों तक नुक्सान दी हुई वस्तु को फिर से मुफ्त में वापिस ले लेना -- घोर नर्क में जाना
जो दान - पुन्य आदि नहीं करते, वह गरीबी में जीते हैं। गरीबी में वह पाप कर्म करते हैं।यह कर्म उन्हें नर्क में ले जाते हैं। फिर गरीब पैदा होते हैं और पाप कर्म करते हैं।
जो भी अच्छे, बुरे कर्म होते हैं, उन्हें भोगना पड़ता है। न भोगे हुए कर्म लाखों वर्ष में भी नष्ट नहीं होते।